पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी चाहते थे कि सरहदों पर शांति हो इस कारण उन्होंने क्रास एलओसी ट्रेड जैसे कई द्विपक्षीय कदमों की शुरूआत की। इसके साथ ही कश्मीर में लोगों के लिए कई बड़े कदम भी उठाए गए जिससे कि कश्मीर की आवाम का सरकार पर भरोसा कायम कराया जा सके।
इसमें पाकिस्तान को जाने वाली कारवां-ए-अमन बस सेवा की शुरूआत समेत कई बड़े कदम शामिल थे। अटल जी की स्वीकार्यता का पर्याय आज भी ये है कि जब भी कश्मीर के विवाद की बात आती है घाटी के तमाम सियासी दल अटल जी के फार्मूले को अपनाने की दुहाई और नसीहत देते मिल जाते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से लेकर वर्तमान सीएम महबूबा तक सभी ने केंद्र से ये मांग दुहराई है कि कश्मीर के मुद्दे पर सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सोच पर चलने की जरूरत है।