देसी साख़ता पनाका रॉकेट जो 40 किलो मीटर के दायरे में तेज़ रफ़्तार हमलों के ज़रिया दुश्मन के मोर्चों को तबाह करने की सलाहियत रखते हैं, आज चांदी पर आन सी से कसीर बयारल वाले लॉंचर के ज़रिये 3 मर्तबा कामयाबी से दागे़ गए।
ये रॉकेट 1995 से अब तक कई सख़्त आज़माईशों में कामयाब रह चुके हैं। उन्हें पहले ही मुसल्लह अफ़्वाज के सुपुर्द कर दिया गया है। मौजूदा आज़माईशी परवाज़ हथियारों के निज़ाम को बेहतर बनाने के बाद की गई है।
विज़ारत-ए-दिफ़ा के ज़राए के बमूजब मज़ीद चंद आज़माईशी परवाज़ें मुम्किन हैं। आज 3 बार इन राकेटों को कामयाबी के साथ परवाज़ पर रवाना किया गया। इन का हथियारों का निज़ाम वसीअ इलाक़े में तेज़ रफ़्तार हमले करसकता है। 12 राकेट 44 सैकिण्ड में दागे़ जा सकते हैं।