इस्लामाबाद, 3 सितंबर: पाकिस्तान के साबिक फौजी सरबराह परवेज मुशर्रफ की मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं पाकिस्तान के लाल मस्जिद मुहिम के दौरान मज़हबी रहनुमा अब्दुल रशीद और उनकी वालिदा का कत्ल किए जाने के मामले में मुल्क के साबिक सदर परवेज मुशर्रफ के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया |
मुशर्रफ पाकिस्तान में एक बार फिर इक्तेदार पर काबिज होने के इरादे से आए थे, लेकिन ऐसा हो न सका | इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जज नूरल हक कुरैशी के हुक्म पर मुशर्रफ के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया, जो अपने पुराने हुक्मनामे पर अमल न होने से नाराज थे|
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लाल मस्जिद के मज़हबी रहनुमा रशीद के बेटे हारून रशीद की ओर से अपने वालिद और दादी के कत्ल के मामले में 70 साला मुशर्रफ के खिलाफ दरखास्त की सुनवाई करते हुए जज हक ने कहा कि अदालत के हुक्म के बावजूद मामला दर्ज नहीं किया जाना अदालत की तौहीन है उन्होंने आबपाड़ा पुलिस थाने के इंचार्ज कासिम नियाजी को यह मामला दर्ज होने तक अदालत में ही बैठे रहने का हुक्म दिया |
मुशर्रफ की पार्टी एपीएमएल की लीडर आसिया इसहाक ने इस फैसले पर जवाब देते हुए कहा कि वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए लड़ेंगे उन्होंने कहा, मुशर्रफ कहीं भागने वाले नहीं| हमें इस तरह के मामलों की पहले से ही उम्मीद थी | वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और खुद की बेगुनाही साबित करे |