कोलकाता। रविवार को समाप्त हुई माकपा केंद्रीय कमेटी की बैठक में नोटबंदी के बाद कथित समस्याओं, पांच राज्यों मेें होने वाले प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में रणनीति तैयार किये जाने, पार्टी की सांगठनिक ताकत बढ़ाने समेत कई अहम मसला चर्चा का विषय बना।
वामपंथियों के हाथों से बंगाल की फिसलती जमीन के मसले पर माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी का कुछ अलग कहना है। उनका दावा है कि चुनाव मेें हार के बावजूद वामपंथी कमजोर नहीं हुए हैं और वामपंथी कमजोर नहीं होंगे। वामपंथियों की नींव मजबूत है। नींव मजबूत होने की वजह से इमारत को हिला पाना आसान नहीं है।
येचुरी ने दावा किया है कि नये वर्ष में वामपंथी की स्थिति और मजबूत होगी। संभवत: नयी रणनीति इसकी वजह हो। माकपा के महासचिव ने आरोप लगाया है कि विगत वर्ष हुए विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल में वामपंथियों पर हमले बढ़े हैं। चुनाव के नतीजे के बाद से राज्य में करीब छह सौ भी ज्यादा माकपा कार्यालयों पर हमले किये गये।
जबरन कब्जा किये जाने की घटनाएं सामने आयीं। आलम यह है कि अभी भी कई वामपंथी घर छोड़ने को मजबूर हैं। इसके बावजूद वामपंथियों द्वारा जनहित संबंधी आंदोलन समय बीतने के साथ लगातार व्यापक हुए हैं।