दिल्ली में हुकूमत,..अब भी बड़ा सवाल बना हुआ है। बताया जाता है कि नरेंद्र मोदी दिल्ली में जोड़ तोड़ कर हुकूमत बनाने के खिहाफ हैें।
हालांकि सुबह नितिन गडकरी ने कहा था कि बी जे पी दिल्ली में हुकूमत बनाने के लिए हर मुम्किन कोशिश करेगी, लेकिन नरेंद्र मोदी ने उन से फ़ोन पर बात की, जिस के बाद बी जे पी ज़राए ने हुकूमत बनाने की कोशिशों से इनकार कर दिया।
इस से पहले समाजी कारकुन किरण बेदी ने कहा कि आप और बी जे पी को हुकूमत बनाने के लिए साथ आना चाहिए, लेकिन आप के कन्वीनर अरविंद केजरीवाल ने किरण बेदी की सालसी की तजवीज़ मुस्तरद करदी है। आप का कहना है कि सब से बड़ी पार्टी के नाते हुकूमत की ज़िम्मेदारी बी जे पी की है।
आप और बी जे पी में चल रहे पहले आप पहले आप के खेल के दरमियान जद-यू लीडर के सी त्यागी ने केजरीवाल को ग़ैर मशरूत हिमायत देने का ऐलान कर दिया है। नीतीश की पार्टी जद-यू से दिल्ली में एक रुक्ने असेंबली जीता है। उनकी पार्टी ने केजरीवाल को दिल्ली का सी एम बनते देखने की ख़ाहिश भी ज़ाहिर की है।
दिल्ली असैंबली इंतिख़ाबात के नताइज में किसी को वाज़िह अकसरीयत नहीं मिली है। असल में ये नताइज हैरतअंगेज़ हैं. तमाम अंदाज़ों के दावों को झुठलाते हुए अरविंद केजरीवाल के क़ियादत में आप ने 28 सीटें हासिल की हैं। बी जे पी को 31 सीटें मिली हैं।
आगे की हिकमत-ए-अमली पर बहस के लिए आज सुबह अरविंद केजरीवाल के घर आप की मीटिंग हुई। इजलास के बाद आप के लीडर योगेंदर यादव ने कहा कि दुबारा इंतिख़ाब ही मुतबादिल है तो उनकी पार्टी इस के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बी जे पी सब से बड़ी पार्टी के तौर उभरी है और हुकूमत बनाना उस की ही ज़िम्मेदारी है।. यादव ने कहा कि उन की पार्टी को अख़लाक़ी और सियासी वोट तो मिले लेकिन तकनीकी वोट नहीं मिले कि वो हुकूमत बना सकें। . उन्हों ने कहा, अगर नायब गवर्नर हमें हुकूमत बनाने के लिए मदऊ करते हैं तो हमारा यही कहना होगा कि हमारे पास सिर्फ़ 28 सीटें हैं और 36 तक पहुंचना हमारे बस की बात नहीं हैं।
इस दरमयान, जेडी (यू) के मेंबर असैंबली शुेब इक़बाल ने आप को हिमायत देने की पेशकश की है. उन्होंने कहा है कि वो कांग्रेस से भी इस बारे में बात करेंगे. शुऐब ने कहा, में ये चाहूंगा कि किसी भी सूरत में आप हुकूमत बनाए। केजरीवाल से दरख़ास्त करूंगा कि वो हुकूमत बनाने के लिए आगे आएं।