मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी देश में तमाम सेकुलर पार्टियों को एकजुट करने की समर्थक है. लेकिन पार्टियों की एकजुटता का इतिहास हमेशा धोखेबाजी का रहा है. इतिहास ये दिखाता है कि एकजुट होने के बाद जब चुनाव का वक्त आता है तो सभी पार्टियां टिकट बंटवारे के वक्त एक-दूसरे की पीठ में छुरा भोंक देती हैं. ऐसे में कोई भी फ्रंट अब तब तक नहीं बन सकता जब तक सीटों के बंटवारे पर सहमति ना बन जाए.
लालू यादव ने अपनी रैली में बीएसपी को भी बुलाया है. मायावती बोलीं बीएसपी को लेकर भ्रांतियां पैदा करने की कोशिश की जा रही है. हम अपनी स्थिति साफ करना चाहते हैं. पार्टी सेक्युलर मोर्चे के एकजुटता की समर्थक है. लेकिन हमने RJD और सभी पार्टियों को बता दिया है कि बीएसपी कोई मंच तभी शेयर करेगी जब चुनाव में कितनी सीट मिलेगी इसका फैसला हो जाए.