पाकिस्तानी तालीम-ए-याफ़ता ख़वातीन की अक्सरीयत मुनश्शियात की आदी

ईस्लामाबाद ०१फरवरी (एजैंसीज़) एक सरकारी सर्वे में इन्किशाफ़ हुआ है कि पाकिस्तान में मुनश्शियात इस्तेमाल करनेवाली अड़सठ 68 फ़ीसद ख़वातीन तालीम-ए-याफ़ता हैं।

वज़ारत इन्सिदाद-ए-मनश्शियात के ज़ीरतहत ईस्लामाबाद, लाहौर, कराची, पेशावर और दीगर बड़े शहरों में होने वाले सर्वे में ये इन्किशाफ़ हुआ है कि मुनश्शियात इस्तेमाल करने वाले सैंतालीस फ़ीसद ख़वातीन कॉलिजों से तालीम हासिल कर चुकी हैं, जबकि इक्कीस फ़ीसद ऐसी हैं जो कम अज़ कम आठवीं या मैट्रिक तक हासिल कर चुकी हैं।

इस सर्वे को पेश करते हुए वज़ारत के मंसूबा बंदी और जायज़ा कमेटी के डायरेक्टर जनरल मुहम्मद शाहिद ने बताया कि 48 फ़ीसद ख़वातीन अपनी सहेलीयों या मर्द दोस्तों के ज़रीये मुनश्शियात हासिल करती हैं, जबकि पंद्रह इशारीया छः फ़ीसद अपने पड़ोसीयों की मदद लेती हैं।

सर्वे के मुताबिक़ पाकिस्तानी ख़वातीन की अक्सरीयत मुनश्शियात का इस्तेमाल तनाव से नजात, जिस्मानी दर्द दबाने या ख़ुशी के लिए करती हैं। सर्वे में ये भी बताया गया है कि कुछ ख़वातीन को उन के शौहरों ने ज़बरदस्ती इस का आदी बनाया है।