पाकिस्तान की फ़ौज के एक बड़े गोशा ने अपनी हिक्मते अमली में तबदीली के एक हिस्सा के तौर पर ख़ाहिश ज़ाहिर की है कि हिंदुस्तान के साथ बात-चीत की जानी चाहीए ताहम बर्रे सग़ीर में मुतबादिल रिवायती जंग की तमाम राहें भी खुली रखी जानी चाहीए ताकि हिंदुस्तान से निमटा जा सके।
बावक़ार प्रिंस्टन यूनीवर्सिटी के शोबा सियास्यात के लेक्चरर अक़ील शाह ने अपनी ताज़ा तरीन किताब जम्हूरीयत – पाकिस्तान में फ़ौजी सियासत में इन्किशाफ़ किया है कि पाकिस्तान की फ़ौज हिंदुस्तान के साथ बात-चीत का एक मौक़ा हासिल करना चाहती है।
ताहम साथ ही साथ रिवायती जंग की मुतबादिल राह भी खुली रखने की ख़ाहिशमंद है। एक मेजर जेनरल ने अपनी शनाख़्त खु़फ़ीया रखने की शर्त पर अक़ील शाह को इंटरव्यू देते हुए ये इन्किशाफ़ किया था।