इस्लामाबाद हुक्काम ने अफ़्ग़ान सदर अशर्फ़ ग़नी की हालिया दहशतगर्दाना हमलों से मुताल्लिक़ प्रैस कान्फ़्रैंस में पाकिस्तान पर लगाए गए इल्ज़ामात का बराहे रास्त जवाब देने से गुरेज़ करते हुए कहा कि वो अफ़्ग़ान सदर की प्रैस कान्फ़्रैंस से आगाह हैं।
पाकिस्तानी दफ़्तरे ख़ारजा से जारी होने वाले एक बयान में मुहतात रवैया अपनाते हुए कहा गया है कि पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान बिरादर हमसाया ममालिक हैं और उनके दरमयान क़रीबी तआवुन पर मबनी ताल्लुक़ात क़ायम हैं।
दफ़्तरे ख़ारजा के तर्जुमान क़ाज़ी ख़लीलुल रहमान के मुताबिक़ “पाकिस्तान अफ़्ग़ानिस्तान समेत तमाम इलाक़ाई ममालिक के साथ अच्छे हमसाइयों के ताल्लुक़ात रखना चाहता है।”
बयान में मज़ीद कहा गया कि पाकिस्तान ख़ुद दहशतगर्दी का शिकार है और साठ हज़ार अफ़राद दहशत गर्दाना कार्यवाईयों की भेंट चढ़ चुके हैं। तर्जुमान के मुताबिक़ पाकिस्तान काबुल में दहशतगर्दी की हालिया लहर पर बेरादर मुल़्क अफ़्ग़ानिस्तान के अवाम और हुकूमत के दर्द और दुख को समहजा सकता है।
“पाकिस्तान अफ़्ग़ानिस्तान में इन हलाकत ख़ेज़ हमलों की पुरज़ोर मुज़म्मत करता है। दहशतगर्दी हमारा मुशतर्का दुश्मन है और इस से लड़ने के लिए मुशतर्का सोच अपनाना होगी।”