पटना 3 मई : पंजाब के सरबजीत की पाकिस्तान जेल में मौत हो गई। पूरे मुल्क में इसे लेकर गम व गुस्सा है। पाकिस्तान हुकूमत अगर सरबजीत को हिंदुस्तान के हवाले कर देता तो शायद उसकी जान बच जाती, लेकिन पाकिस्तान नहीं माना। सरबजीत की रिहाई के लिए उसके रिश्तेदार जिस तरह से परेशान थे, ठीक वैसा ही हाल बिहार के रंजीत का है।
रंजीत 12 सालों से पाकिस्तान के लाहौर सेन्ट्रल जेल में बंद है। बिहार के सीतामढ़ी का पुपरी गांव के मनुहरवा का रिहायसी रंजीत पाकिस्तान के जेलों की यातनाओं को झेल रहा है। रंजीत पाकिस्तान कैसे पहुंचा फिलहाल इसकी जांच की जा रही है।
वालेदैन का रो रो कर बुरा हाल है
दूसरी तरफ रंजीत के पाकिस्तान में होने की इत्तेला के बाद उसके वालेदैन का रो रो कर बुरा हाल है। हाल ही में पाकिस्तान की जेल में सरबजीत के साथ जो कुछ हुआ है उसके बाद से इनकी धड़कने तेज हो गई है। रंजीत के वालेदैन को इस बात की फ़िक्र अब मजीद सता रही है कि अब कहीं मेरे बेटे के साथ भी ऐसा ही कुछ न हो जाये।
सीतामढी में रंजीत को लेकर इन दिनों बहस काफी तेज है, जितनी मुंह उतनी बातें। हाल ही में लाहौर के सेन्ट्रल जेल से एक नौजवान की शिनाख्त से मुताल्लिक दस्तावेज सीतामढी पुलिस को भेजे गये थे। इसमे जिस सख्स का नाम राजा बाबू सहाय लिखा है। वह दर असल रंजीत है। रंजीत के वालेदैन ने भी इसकी शिनाख्त की है।
12 साल पहले सीतामढी से मुबंई कमाने के लिए निकला था
इस वाकिया के बाद गांव का माहौल गर्म हो गया है। वालेदैन अपने बेटे से मिलने को बेताब हैं। बताया जा रहा है कि रंजीत 12 साल पहले सीतामढी से मुबंई कमाने के लिए निकला था और वहां से कुछ दिनों तक अपने वालेदैन को ख़त लिखता रहा । लेकिन दो-चार महीने के बाद ये सब खत्म हो गया और फिर रंजीत का कोई अता-पता भी नहीं चल पाया ।
पाकिस्तान के हिंदुस्तानी सफारत ने रंजीत के लाहौर जेल में बंद होने की तस्दीक भी की है। उनकी तरफ से इस बात की मालूमात वजारत दाखला को भी दी गई है। रंजीत पाकिस्तान जेल कैसे पहुंचा इसकी जानकारी ली जा रही है वहीं रंजीत के गांव में इस खबर से सन्नाटा पसर गया है।