मुंबई: पाकिस्तान की जानिब से सरहद पार जम्मू-ओ-कश्मीर में जंग बंदी की बार बार ख़िलाफ़ वरज़ीयों पर तन्क़ीद करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि अगर हिन्दुस्तान भी जंग बंदी की ख़िलाफ़वरज़ी करे ताकि पड़ोसी मुल्क को सबक़ सिखाया जा सके तो इस में कोई ग़लती नहीं होगी।
2013 मे पाकिस्तान ने 347 मर्तबा जंग बंदी की ख़िलाफ़ वरज़ीयां की थीं। 2014 में ऐसे वाक़ियात की तादाद 562 होगई। 32 हज़ार अफ़राद सरहदी इलाक़ों में मुक़ीम हैं, उन्हें अपने मकानों का तख़लिया करके दीगर इलाक़ों में पनाह गाहें तलाश करनी पड़ती हैं। शिवसेना के तर्जुमान रोज़नामा सामना के एक ईदारिया में शिवसेना ने कहा कि सिर्फ़ हिन्दुस्तानी फ़ौज जंग बंदी की ख़िलाफ़वरज़ी का मुंहतोड़ जवाब दे सकती है और पाकिस्तानीयों को हलाक करसकती है।
फायरिंग उस वक़्त तक बंद नहीं होनी चाहिए जब तक कि पड़ोसी मुल्क जंग बंदी की ख़िलाफ़ वरज़ीयों का सिलसिला ख़त्म ना करदे। ये एक छोटा सा मुल्क है लेकिन बार बार जंग बंदी की ख़िलाफ़वरज़ी करता है। अगर हिन्दुस्तान भी उसको सबक़ सिखाने के लिए ऐसा करे तो इस में कोई ग़लती नहीं होगी।