पाकिस्तान में मशहूर इंसानी हुकूकक की कारकुन का सरेराह क़त्ल

कराची: पाकिस्तान की मशहूर इंसानी हुकूक की कारकुन सबीन महमूद की कराची में नामालूम बंदूकबर्दारों ने गोली मारकर क़त्ल कर दिया. वह 38 साल की थी. कराची (जुनूबी) के पुलिस सब इंस्पेक्टर डॉ. जमील अहमद इसे लूटपाट से मुताल्लिक मामला मानने से इंकार करते हुए बताया कि महमूद को जान बूझकर निशाना बनाया गया.

उनके क़त्ल की साजिश पहले से रची गई थी. हालांकि उन्होंने इसके पीछे के मकसद के बारे में कोई भी इत्तेला साझा नहीं की. महमूद बलूचिस्तान में एक सेमिनार मुनाकिद करने के बाद अपनी वालदा के साथ वापस लौट रही थी. पुलिस आफीसरों ने बताया कि यह एक क़त्ल का मुहिम पहले से बनाया हुआ है, लेकिन महमूद को किसी तरह की धमकी मिली है, ऐसी मालूमात नहीं है. मामले की जांच जारी है और क़त्ल के मकसद पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी.

फौजी पुलिस आफीसर कंसान डीन के बताया मोटरसाइकिल में पीछे बैठ सवार ने महमूद और उनकी मां पर गोलियां दागी. गोली लगने के बाद उन दोनों को पास के प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने महमूद को मृत घोषित कर दिया. बाद में उनकी मां को आगा खां यूनीवर्सिटी अस्पताल में मुंतकिल किया गया. महमूद की लाश जिन्ना पोस्ट-ग्रजुऎट मेडिकल सेंटर पर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

सोशल मीडिया पर बड़ी तादाद में लोगों ने महमूद के क़त्ल की मुज़म्मत की. सहाफी रजा रूमी ने लिखा है कि उनकी क़त्ल एक क़त्ल नहीं है, बल्कि ऐसे आवाज को खामोश करने की कोशिश है जो समाजी मुद्दों पर मुखर रही है.