पाकिस्तान में आज सज़ाए मौत पाने वाले मज़ीद चार क़ैदीयों को फांसी पर लटका दिया गया। इस तरह मुल्क में सज़ाए मौत बहाल किए जाने के बाद अब तक 59 क़ैदीयों को फांसी पर लटकाया जा चुका है।
अबदूर्रज़्ज़ाक़ चौबान और जलील उर्फ़ जलाल मोतरमजो को सूबा सिंध की सिखर जेल में तख़्तादार पर लटका दिया गया। 2003 में सातवें जमात के एक तालिबे इल्म को चौहान ने हलाक कर दिया था जबकि जलील ने 1997 में पुरानी मुख़ासमत के तहत एक शख़्स को क़त्ल कर दिया था।
दीगर दो क़ैदीयों शहबाज़ अली और ग़ुलाम यासीन को बिलतर्तीब साहीवाल की सेंट्रेल जेल और बहावलपुर की सेंट्रेल जेल में फांसी दी गई। शहबाज़ ने 1998 में आराज़ीयात के तनाज़ा में एक लड़के को क़त्ल कर दिया था जबकि ग़ुलाम ने 2002 में एक ख़ातून की इस्मतरेज़ि और क़त्ल किया था।