एक दौर था, जब हिंदुस्तानी ड्रामे पाकिस्तान में इंतिहाई मक़बूल थे, लेकिन अब तुर्की ड्रामों “मेरा सुल्तान” और “इश्क़ ममनूअ” ने उन की जगह ले ली हैं। पाकिस्तानी ख़्वातीन और मर्द दोनों के दिल जीत लिए हैं।
घरेलू ख़्वातीन और कई बच्चों की वालिदाएं भी ये एहसास ज़ाहिर कर रही हैं कि उन्हें तुर्की ड्रामों की लत लग गई है, खासतौर पर मेरा सुल्तान देखे बगैर उन्हें चैन नहीं आता।
घरैलू ख़्वातीन ही नहीं, उन के शौहर भी इन ड्रामों के मद्दाह हैं और ड्रामों के वक़्त हर जगह टी वी खोल दिया जाता है, खासतौर पर गुज़िश्ता साल तुर्की ड्रामा इश्क़ ममनूअ ने बेइंतिहा मक़बूलियत हासिल की है।