पाकिस्तान ने आज नाटो स्पलाई को कराची की एक बंदरगाह से निकलने की इजाज़त देदी जबकि एक रोज़ क़ब्ल ही इस ने अफ़्ग़ानिस्तान के लिए कलीदी राहों पर सात माह की रुकावट बर्ख़ास्त करदी जो एक सरहद पार हमला में 24 पाकिस्तानी सिपाहियों की हलाकत पर आख़िर कार अमरीकी माज़रत ख़्वाही के तनाज़ुर में किया गया ।
पाकिस्तान की दूसरे मसरूफ़ तरीन बंदरगाह पोर्ट क़ासिम के अधिकारियौं ने मीडिया को बताया कि उन्हें अहकाम वसूल हुए हैं कि इस मुद्दत के लिए जब तक एशिया-ए-बंदरगाह में रखी गई डेमरीज की अदाएगी के बाद नाटो स्पलाई को आगे बढ़ने की इजाज़त देदी जाय। जुनूब मग़रिबी बलोचिस्तान सूबा में चमन ज़मीन सरहदी क्रासिंग पर भी ओहदेदारों ने मीडिया को बताया कि उन्हें अफ़्ग़ानिस्तान के लिए नाटो सरबराही की मुंतक़ली के सिलसिला में तय्यार रहने की हिदायात मिली हैं
। पाकिस्तान की काबीना की दिफ़ाई कमेटी ने कल रात देर गए फैसला किया कि स्पलाई की राहें खोल दी जाएं कियों की अमरीका ने इस नाटो फ़िज़ाई हमला के लिए माफ़ी चाही है जिस के नतीजा गुज़श्ता साल नवंबर में 24 पाकिस्तानी सिपाही हलाक होगए थे । अमरीकी वज़ीर ख़ारिजा हलारी क्लिन्टन ने अपनी पाकिस्तानी हम मंसब हिना रब्बानी के साथ टेलीफ़ोनी गुफ़्तगु में गुज़श्ता साल 26 नवंबर के नाटो हमले के लिए अमरीका के गहरे तास्सुफ़ (अफसोस)का इआदा किया, जिस ने दोनों मुल्कों के दरमियान बड़ी सिफ़ारती ख़लीज (गैयाप) पैदा करदी थी। ।
कमेटी ने कहा कि जंग ज़दा अफ़्ग़ानिस्तान में तामीर नौ और बहाली के अमल में सहूलत पैदा करने की ख़ातिर स्पलाई लायंस को दुबारा खोल देने का फैसला किया गया है । सरकारी ज़राए ने कहा कि स्पलाई रूट की दुबारा कुशादगी के ताल्लुक़ से बाक़ायदा आलामीया वज़ीर-ए-आज़म अशर्फ़ की ज़ेर सदारत वफ़ाक़ी काबीना की मीटिंग के बाद जारी होने की तवक़्क़ो (उम्मीद )है । ये पहली का बीनी मीटिंग है जिस की सदारत अशर्फ़ ने की जबकि वो साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गीलानी के जानशीन बने जिन्हें गुज़श्ता माह फ़ाज़िल अदालत नेना अहल क़रार दिया था।