पाकिस्तान : क़ानून तौहीन अदालत कुलअदम , वज़ीर-ए-आज़म को ख़तरा

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने तौहीन अदालत से मुताल्लिक़ ( संबंधित) हुकूमत के नए क़ानून को आज कुलअदम क़रार दे दिया । हुकूमत के इस क़ानून का मक़सद सदर आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ रिश्वत सतानी ( रिश्वतखोरी) के मुक़द्दमात का अहया करने के लिए डाले जाने वाले दबाव से वज़ीर-ए-आज़म को महफ़ूज़ रखना था लेकिन सुप्रीम कोर्ट की जानिब से इस क़ानून को कुलअदम क़रार दिए जाने के बाद वज़ीर-ए-आज़म राजा परवेज़ अशर्फ़ की नाअहली की राह हमवार ( स्वीकृत) हो गई है।

चीफ़ जस्टिस इफ़्तिख़ार अहमद चौधरी की क़ियादत में पाँच रुकनी बंच ने रोलिंग दी कि क़ानून तौहीन अदालत 2012 ग़ैर दस्तूरी है । चुनांचे कुलअदम किया जाता है ।अदालत के हुक्म में कहा गया कि बस और कोई दूसरा दस्तूरी रास्ता बाक़ी नहीं था चुनांचे क़ानून तौहीन अदालत 2012 को ग़ैर दस्तूरी कुलअदम मंसूख़ क़रार दिया जाता है।