जुमा को मीठापुर बस स्टैंड में देव ट्रैवल्स के जरिये से पटना से जोगबनी जा रहे पांच किलो के छोटे सिलिंडरों की एक बड़ी खेप के पकड़े जाने के बाद यह वाजेह हो चुका है कि शहर में पाबंदी छोटे सिलिंडरों की तामीर जारी है। खुफिया तरीके से छोटे सिलिंडरों की तामीर कर उसे पटना के कई इलाकों में तो पहुंचाया ही जा रहा है, साथ ही सिलिंडरों को कई जिलों में भी भेजा जा रहा है। हालांकि, पुलिस को यह जानकारी तहक़ीक़ात के दौराना मिली है, लेकिन इस सिलसिले में उसे अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
सनीचर को भी पुलिस ने देव ट्रेवल्स के ड्राइवर और खलासी से पूछताछ की, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी। जक्कनपुर थाना इंचार्ज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि छानबीन जारी है, लेकिन सिलिंडर की फैक्टरी तक पहुंचने में कामयाबी नहीं मिली है। छोटे सिलिंडरों के तामीर और उसकी खपत को लेकर बिहार के कोने-कोने में सरगर्म गिरोह का नेटवर्क फैला हुआ है। खास बात यह कि इसमें शामिल हर कोई पूरी चालाकी से काम करता है। यह जुमा को पुलिस की छापामारी के दौरान देखने को भी मिला। मीठापुर बस स्टैंड में किसी सख्स ने छोटे सिलिंडरों को जोगबनी के लिए बुक कराया। माल को बस में लोड भी किया जाने लगा। इसी दरमियान, वह सख्स वहां से हट गया। यही वजह थी कि पुलिस ने जब वहां रेड की, तो सिर्फ सिलिंडर ही पकड़ा गया। इसमें शामिल लोग निकल भागे।
सेक्यूरिटी के साथ खिलवाड़
जिस छोटे सिलिंडरों को हुकूमत ने पाबंदी आईद कर दिया है, उनकी तामीर ही नहीं हो रहा है, बल्कि उन्हें बाहर भी भेजा जा रहा है। ये सिलिंडर काफी खतरनाक होते हैं। कब ब्लास्ट कर जाये, नहीं कहा जा सकता है। फैक्टरी में बनाये जाने के बाद सिलिंडरों को बिना टेस्ट किये ही मार्केट में भेज दिया जाता है। इसे बनाने में न मेयार का ख्याल रखा जाता है और न ही तकनीक का। हाइ क्वालिटी के कच्चे माल का भी इस्तेमाल नहीं होता है। लिकेज और ब्लास्ट की वारदात में इस तरह के सिलिंडरों का ही रोल होता है। इसके बाद भी बस ऑपरेटर संगीनता से नहीं ले रहे हैं। वे कुछ पैसों के खातिर सैकड़ों लोगों की जिंदगी दावं पर लगा देते हैं। पुलिस को यह भी खदसा हो रही है कि यह खेल बहुत दिनों से जारी है।