पीएम ने झारखंड के तरक़्क़ी में हर मुमकिन मदद का दिया यकीन

वजीरे आला रघुवर दास ने इतवार को वजीरे आजम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। झारखंड के तरक़्क़ी के लिए मरकज़ से मदद मांगा। वजीरे आजम ग्राम सड़क मंसूबा के तहत रियासत के लिए फौरन 400 करोड़ रुपये रिलीज करने की दरख्वास्त किया, ताकि सड़कों की तामीर बिना किसी रुकावट के हो सके। वजीरे आजम ने झारखंड के तरक़्क़ी में हर मुमकिन मदद का यकीन दिहानी कराया।

सड़क बनाने के लिए नहीं है रकम

वजीरे आजम से मुलाकात के दौरान वजीरे आला ने कहा : पीएमजीएसवाइ भारत सरकार की इंतेहाई महत्वाकांक्षी मंसूबा है। इसे वक़्त पर पूरा किया जाना जरूरी है। रियासत के तरक़्क़ी में यह मंसूबा अहम साबित हो रही है। फिलहाल इस मंसूबा की सारी रकम खर्च हो चुकी है।

उन्होंने वजीरे आजम को बताया साल 2014-15 के लिए इस मंसूबा के तहत मरकज़ी देही तरक़्क़ी वुजरा से 500 करोड़ रुपये देने की दरख्वास्त किया गया था। पर अभी तक 112 करोड़ रुपये ही रिलीज हो सके हैं, जबकि साल 2013-14 व इस माली साल के नवंबर तक का इस्तेमाल सेर्टिफिकेट दस्तयाब कर दिया गया है। ऐसे में 400 करोड़ रुपये जारी करने की जरूरत है।

वजीरे आला ने वजीरे आजम से झारखंड के छह शहर रांची, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो, देवघर व दुमका को स्मार्ट सिटी मंसूबा में शामिल करने की दरख्वास्त भी किया है। उन्होंने वजीर आजम से कहा : मरकज़ी हुकूमत की 100 स्मार्ट सिटी बनाने की अहम मंसूबा का काफी दूर तर असर दिखेगा। ऐसे में इस मंसूबा में झारखंड के भी इन शहरों को शामिल किया जाये। उन्हें बताया कि रियासती हुकूमत ने इंतेजामिया, सनअति, मजहबी, आबादी को जेहन में रख कर ही इन शहरों का सेलेक्शन किया है। दुमका के अलावा सभी शहर स्मार्ट सिटी के लिए मापदंड को पूरा करते हैं। पर दुमका का सलेक्शन इसलिए किया गया है, क्योंकि यह शहर झारखंड की नायब दारुल हुकूमत है। वजीरे आजम को बताया कि इन शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर में डेवलप करने की दरख्वास्त शहरी तरक़्क़ी वुजरा के सेक्रेटरी से किया गया है।

आइएसएम को आइआइटी का दरजा देने की शुरू होगी अमल

वजीरे आला रघुवर दास ने मरकज़ी इंसानी वसायल तरक़्क़ी वज़ीर स्मृति ईरानी से मुलाकात कर आइएसएम धनबाद को आइआइटी का दरजा देने की दरख्वास्त किया। मरकज़ी वज़ीर ने इस पर मंजूरी दे दी। उन्होंने अफसरों को इससे मुतल्लिक़ अमल शुरू करने की हिदायत दिया। मुलाकात के दौरान रांची में आइआइएम के इमारत के लिए जमीन की कमी का मामला भी उठा। इंसानी वसायल मानव तरक़्क़ी महकमा के अफसरों ने कहा कि आइआइएम के इमारत के लिए और जमीन चाहिए। दूसरी जगह पर भी जमीन मिलेगी, तो काम हो जायेगा। इस पर वजीरे आला ने कहा कि जमीन मुहैया करा दी जायेगी। इस सिम्त में फौरी कार्रवाई कर दी जायेगी।