हैदराबाद 30 मार्च: पुलिस का किरदार और रवैया लब-ओ-लहजा-ओ-काम करने का तरीका कार शहरियों को पुलिस से दूर करने का मूजिब बन रहा है ? क्या ये हक़ीक़त है यह फिर पुलिस पर इल्ज़ाम , शहरी इस से बह ख़ूबी वाक़िफ़ हैं।
अक्सर पुलिस स्टेशनों में शिकायत के बाद इंसाफ़ के लिए पुलिस स्टेशन के चक्कर काटने पर अवाम को मजबूर करदिया जा रहा है और दरख़ास्त गुज़ारों को जिन के माली नुक़्सानात और वो ज़ुलम का शिकार होते हैं ।
उन के साथ मुजरिमों जैसा सुलूक किया जा रहा है । इस तरह के दो अलहदा वाक़ियात शाह मीरपेट और चैतन्य पूरी पुलिस स्टेशन हदूद में पेश आए । कोतापेट फ़रुट मार्किट के रूबरू आज झगड़ा चल रहा था एक कार ड्राईवर रक्षा रां आपस में झगड़ रहे थे ।
जिस का नज़ाहरा 21 साला सलमान साकन टोली चौकी हकीम पेट के अलावा दीगर शहरी भी कर रहे थे कि अचानक सलमान पर रक्षा रां गिर पड़ा । इस दौरान ब्रहम कार ड्राईवर ने सलमान को शदीद ज़द्द-ओ-कूब करदिया और फ़रार होगया ।
उस नौजवान की नाक से ख़ून बहने लगा और वो इसी ज़ख़मी हालत में पुलिस स्टेशन पहूँचा जहां पुलिस के अमला ने ख़ून के निशानात वाले इस के कपड़ों और शदीद ज़ख़मी उस नौजवान को देख कर सरकारी दवाखाने में दी जाने वाली अदवियात की चिट्टी जैसी एक सफेद पट्टी जिस पर इन्सपेक्टर का नाम और पुलिस स्टेशन का नंबर था ।
उन के हवाले करदिया । जबके सलीम और उसके रिश्तेदारों ने दरख़ास्त भी दी । बजाय उन्हें एमएल सी के लिए सरकारी दवाख़ाना रवाना किया जाता चैतन्यपूरी पुलिस अमला ने उन्हें रवाना करदिया । जब पुलिस से इस ताल्लुक़ से बात करने पर पुलिस मुलाज़मीन ने बताया कि उन के यहां कोई एसी इतेला यह शिकायत वसूल नहीं हुई ।
ताहम इस ख़सूस में इन्सपेक्टर नायडू से रब्त क़ायम ना होसका । इन का फ़ोन मुसलसल बंद बता रहा था । और नौजवान शाम तक इंसाफ़ के लिए भटकता रहा ।
दूसरे वाक़िये में जो शाह मीरपेट पुलिस स्टेशन हदूद में पेश आया । बताया जाता है कि गुज़शता रोज़ सिदी पेट के साक
न नौजवान ताजरेन को इस रास्ते में जान लेवा हमला करने के बाद लूट लिया गया था ।
और ये नौजवान इंसाफ़ के लिए पुलिस स्टेशन के चक्कर काटने पर मजबूर हैं । इन नौजवानों को आज शाह मिरपेट पुलिस ने तलब किया और कई घंटों तक पुलिस स्टेशन में रोक रखा और उन के साथ पुलिस ने मुजरिमों जैसा सुलूक क्या ।
इस ख़सूस में शाह मीरपेट इन्सपेक्टर रेड्डी ने शाम तकरीबन साढे़ सात बजे बताया कि इन नौजवानों से वाक़ये तफ़सीलात के लिए डी सी पी के इजलास में पेश किया जा रहा है । इन्सपेक्टर का ये बयान ताज्जुब ख़ेज़ ही नहीं बल्के हैरतज़दा भी है ।
पुलिस की इस तरह की कार्रवाई आला पुलिस ओहदेदारों की अवाम दोस्त पालिसीयों के लिए शदीद नुक़्सानदेह साबित हो रही है । पुलिस के आला अहदयारों को चाहीए कि वो अवाम को करीब करने के बजये पुलिस ख़ुद अवाम के करीब और अपने लब-ओ-लहजा-ओ-किरदार में बेहतरी पैदा करे ।