नई दिल्ली, 06 जनवरी: चलती बस में इस्मतरेज़ि के मामले में दिल्ली पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। 3 जनवरी को जो चार्जशीट दिल्ली पुलिस ने अदालत में फाइल की उसमें कत्ल का इल्ज़ाम गायब है।
दिल्ली पुलिस ने अदालत में कुबूल किया कि गैंगरेप के मुल्ज़िमीन के खिलाफ कत्ल के संगीन इल्ज़ाम (दफा 302) का जिक्र करना भूल गई। पुलिस ने इसे टाइपिंग में गलती का मामला बताया है।
पुलिस ने अदालत से गुजारिश की कि इस चूक के लिए वह अर्जी दाखिल करना चाहती है। हालांकि अदालत ने यह इजाज़त देने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि जब वह पूरी चार्जशीट पर नोटिस ले रही है तो पुलिस को अलग से दरखास्त दाखिल करने की जरूरत नहीं है।
इस मामले में अदालत ने माना कि राम सिंह समेत पांच मुल्ज़िमीनो के खिलाफ काफी सुबूत हैं। मुल्ज़िमीनो के खिलाफ गैंगरेप, कत्ल वगैरह के दफआत में मुकदमा चलाया जा सकता है।
अदालत ने चार्जशीट का नोट्स् लेते हुए पांचों मुल्ज़िमीनो को सात जनवरी को अदालत में पेश करने का हुक्म दिया है। मालूम हो कि छठे नाबालिग मुल्ज़िम को चार्जशीट में नहीं शामिल किया गया है। पुलिस ने पांच मुल्ज़िमीनो के खिलाफ 3 जनवरी को चार्जशीट दाखिल किया था।
साकेत वाकेय् मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नम्रता अग्रवाल ने कहा कि मुल्ज़िमीनो पर संगीन इल्ज़ाम हैं। डीएनए रिपोर्ट और दिगर सुबूतो की बुनीयाद पर इनके खिलाफ मामला बनता है। अदालत ने प्रोडक्शन वारंट जारी करते हुए पुलिस को मुल्ज़िमीन राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा, पवन कुमार, अक्षय ठाकुर को 7 जनवरी को पेश करने की हिदायत दी है। उसी दिन मुल्ज़िमीनो को चार्जशीट से जुड़े दस्तावेज दिए जाएंगे।
इससे पहले खुसूसी इस्तेगासा आफीसर राजीव मोहन ने अदालत को सभी मुल्ज़िमीनो के जुर्म और उन पर लगाई गई 13 दफआत का सिलसिले वार ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि सिंगापुर वाकेय् माउंट एलिजाबेथ अस्पताल की रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़की की मौत उसके शरीर में इंफेक्शन फैलने व जिस्म के हिस्से के काम बंद करने से हुई थी।
लड़की के शरीर में शदीद अंदरूनी चोट पाई गई। इसी बुनियाद पर मुल्ज़िमीनो के खिलाफ कत्ल का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि दफा 164 के तहत लड़की व उसके दोस्त के बयानों में सभी मुल्ज़िमीनो के तरफ से गैंगरेप का जिक्र है। डीएनए रिपोर्ट में मुल्ज़िमीनो के कपड़ों पर युवती का खून मिला है।
उन्होंने कहा कि मुल्ज़िमीनो ने लड़की और उसके दोस्त के कपड़े जला दिए। जले हुए कपड़ों से ब्लड सैंपल मिला है जो लड़की के ब्लड से मैच करता है। यानी सबूत खत्म करने की कोशिश की गयी। इसी तरह मुल्ज़िमीनो ने दोनों को गाड़ी में जबरन ले गए, इस वजह से उन पर दफा 365 लगाई गई है।
मुल्ज़िमीनो के पास से दोनों मुतास्सिरो के एटीएम, मोबाइल फोन, पर्स बरामद हुआ है, इस वजह से उनको दफा 412 के तहत मुजरिम बनाया गया है। मुल्ज़िमो ने दोनों से हथियारों के बल पर डकैती की और शदीद चोट पहुंचाई, इस बुनियाद पर उन पर दफा 394, 395 व 397 लगाई गई है।
सभी ने एक साजिश के तहत इस वाकिया को अंजाम दिया व Unnatural acts किया। इस बुनियाद पर दफा 120 बी, 377/34 लगाई गई हैं। मोहन ने कहा कि नाबालिग मुल्ज़िम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने में कुछ वक्त लगेगा क्योंकि अदालत पहले उसके बोन टेस्ट की रिपोर्ट और दिगर दस्तावेज देखेगी।
मुल्ज़िमीनो पर ये दफआत लगीं
मुल्ज़िमीनो पर ताजीराते हिंद की दफा 302 (कत्ल), 307 (कत्ल करने की कोशिश ), 376-2 (जी)(गैंगरेप), 365(अगवा करना), 394, 395, 396, 397,(डकैती, डकैती में जख्मी करना और कत्ल करना), 377 (कुकर्म), 120 बी(साजिश), 201(सुबूत खत्म करने), 412 (चोरी का सामान बरामद होना) व 34 (साजिश) लगाई गई हैं।
इल्ज़ाम सही पाए जाने पर इन दफआत में उम्र कैद से लेकर सजाए मौत तक का कानून है।
लड़की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सिंगापुर से 20 जनवरी तक मिलने की उम्मीद है। यह रिपोर्ट मामले में अहम सुबूत होगी।–राजीव मोहन, खुसुसी सरकारी वकील