पुलिस राजेंदरनगर के ख़िलाफ़ इंसानी हुक़ूक़ कमीशन से किशनबाग़ मुतास्सिरीन की नुमाइंदगी

किशनबाग़ में सिख अश्रार के हाथों मुसलमानों के क़त्ल-ओ-ग़ारतगरी के वाक़िये का अफ़सोसनाक पहलू ये है कि इन फ़सादाद में बी एस एफ़ की गोलीयों और अश्रार की तलवारों की ज़द में आकर शहीद होने वाले मुस्लमान, ज़ख़मी होने वाले मुस्लमान, जिन के घर और गाड़ियां नज़र-ए-आतिश की गईं वो भी मुस्लमान और गिरफ़्तार होकर पुलिस ज़ुलम-ओ-बरबरीयत का शिकार होने वाले भी मुस्लमान।

इस बारे में किसी मुहिब-ए-वतन और अमन पसंद हिंदुस्तानी से कोई सवाल करे तो इस का जवाब यही होगा कि ये क़ानून का तहफ़्फ़ुज़ नहीं बल्कि क़ानून से खिलवाड़ है।

अर्श महल किशनबाग़ के मुतास्सिरा अवाम का कहना हैके 15 मई की सुबह चंद अमन दुश्मनों ने अचानक मुसलमानों के मकानात पर हमला कर दिया।

पुलिस की मौजूदगी में तबाही मचाई गई। बी एस एफ़ के बंदूक़ की नालीयों का रुख़ अश्रार की तरफ़ होने के बजये मुस्लिम नौजवानों के सीनों की तारफ होगया और फिर किसी दिल में गोली उतार दी गई तो किसी नौजवान के पेट में और बाज़ के पैरों में हद तो ये है कि अश्रार ने बी एस एफ़ और पुलिस की मौजूदगी में तबाही का सिलसिला जारी रखा।

इन हालात में अगर एक मामूली अक़ल रखने वाले शख़्स से भी दरयाफ़त किया जाये तो वो यही जवाब देगा कि अश्रार पर गोलीयां चलाई जानी चाहीए थी।

अश्रार की गिरफ़्तारी अमल में लाई जानी चाहीए थी लेकिन हमारी बहादुर पुलिस ने एसा कारनामा अंजाम दिया जिस के लिए उसे गोल्ड मिडिलस से और इनामात से नवाज़ा जाना चाहीए क्युंकि जहां बी एस एफ़ ने बेक़सूर मुसलमानों पर गोलीयां चलाईं वहीं पुलिस की मौजूदगी में मुसलमानों पर अश्रार ने हमले किए। हद तो ये हैके पुलिस ने हमेशा की तरह अपनी बददियानती का मुज़ाहरा करते हुए बेक़सूर नौजवानों को हिरासत में ले लिया और कई दिनों से ये ग़रीब नौजवान पुलिस राजेंदरनगर की तहवील में हैं।

जिस के ख़िलाफ़ महरूस नौजवानों के अरकाने ख़ानदान ने रियासती हुक़ूक़-ए-इंसानी कमीशन को दो नुमाइंदगीयाँ पेश की हैं जिस में सिख अश्रार की बरबरीयत, पुलिस की जांबदारी और नौजवानों के गै़रक़ानूनी गिरफ़्तारीयों-ओ-हिरासत के बारे में तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाया गया।

इन दरख़ास्तों में रियासती हुक़ूक़-ए-इंसानी कमीशन पर ज़ोर दिया गया कि वो बेक़सूर नौजवानों की गै़रक़ानूनी हिरासत से रिहाई को यक़ीनी बनाकर ख़ाती पुलिस ओहदेदारों को क़ानून के कठहरे में लाखड़ा करे।

शेख़ अबदुलक़ादिर वलद शेख़ अबदुलमजीद उम्र 32 साल, मुहम्मद जहांगीर वलद मुहम्मद याक़ूब उम्र 55 साल, मुहम्मद अरबाज़ ख़ान वलद मुहम्मद जहांगीर उम्र 17 साल और शेख़ अबदुलहमीद वलद मुहम्मद अबदुलमजीद के अरकाने ख़ानदान ने वक़्फ़ प्रोटेक्शन सोसाइटी के मुहम्मद इनायत अली तवक्कली, साजिद बैग एडवोकेट, आम आदमी पार्टी के मुहम्मद अफ़ज़ल, अवामी मजलिस-ए-अमल के मुजाहिद हाश्मी के साथ मिल कर रियासती हुक़ूक़-ए-इंसानी कमीशन को नुमाइंदगीयाँ पेश कीं और बताया कि ख़ाती पुलिस ओहदेदारों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करे।

दरख़ास्तों में ये भी इल्ज़ाम लाग‌या गया कि पुलिस ओहदेदार हालते नशा में महरोसेन को अज़ीयतें दे रहे हैं। खाने से तक महरूम रखा जा रहा है। उन लोगों ने महरोसेन के तिब्बी मुआइने करवाने की भी मांग की।

दरख़ास्तों में ये भी कहा गया कि अर्श महल में ग़रीब मुस्लमान बस्ते हैं और राजेंदरनगर पुलिस जो तशद्दुद पर क़ाबू पाने में नाकाम रही अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए महरोसेन के साथ ज़ालिमाना सुलूक रवा रखा है।