नई दिल्ली, 02 जनवरी ( पी टी आई ) इल्म फ़लकियात से गहरी दिलचस्पी रखने वाले अफ़राद को नए साल के मौक़ा पर हमारा सय्यारा कुर्रा-ए-अर्ज़ (पृथ्वी) ,सूरज से क़रीब तरीन फ़ासले पर पहुंचने का मंज़र आज दिखाई देगा । कुर्रा-ए-अर्ज़ आज सुबह 10 बजकर 10 मिनट को सूरज से क़रीब तरीन फ़ासले यानी 14 करोड़ 70 लाख किलो मीटर पर होगा।
हिंदूस्तान की प्लैनेटरी सोसाइटी के मोतमिद उमूमी श्रीरघुनंदन ने कहा कि जनवरी में भी कुर्रा-ए-अर्ज़ अपने मदार गर्दिश के दौरान सूरज से साल भर क़रीबी फ़ासले पर रहेगा । जुलाई में ये सूरज से 2013 के बईद तरीन फ़ासले पर रहेगा। 5 जुलाई को ज़मीन और सूरज के दरमयान 2013 का सबसे ज़्यादा फ़ासला होगा ।
तमाम सय्यारे , दमदार तारे और शहाब साक़िब जो हमारे निज़ाम-ए-शमसी में मदारी गर्दिश कर रहे हैं, उनके मदार बैज़वी हैं। चुनांचे ये तमाम सूरज से कभी क़रीब तरीन फ़ासले पर पहुंच जाते हैं और कभी बईद तरीन फ़ासले पर होते हैं। उन्होंने वज़ाहत करते हुए कहा कि उसकी वजह से मदारी गर्दिश के दौरान दर्जा हरारत में इज़ाफ़ा नहीं होता और ना दिन के वक़्त धूप में इज़ाफ़ा होता है ।
उन्होंने कहा कि इसकी कई वजूहात हैं । इसकी एक वजह ज़मीन के महवर का एक सिम्त झुकाव भी हो सकता है । दरहक़ीक़त हमारे मौसमों का ताय्युन भी कुर्रा-ए-अर्ज़ के झुकाव की बिना पर होता है , सूरज से ज़मीन के फ़ासले की बिना पर नहीं ।