पेनाल्टी शूट आउट के मुतबादिल ( अदल बदल होने वाला) तरीक़ा की तलाश

फुटबाल की आलमी तंज़ीम ( संस्था) फ़ीफ़ा के सरबराह (व्यवस्थापक) ने कहा है कि वो कोई ऐसा मुतबादिल तरीक़ा ढूंढ रहे हैं कि फुटबॉल के खेल का नतीजा हासिल करने के लिए पेनाल्टी शूट आउट से बचा जा सके।

फ़ीफ़ा के सदर सेप ब्लैटर ने तंज़ीम ( स‍स्था) के सालाना इजलास ( सभा) के दौरान कहा कि जब किसी मैच का फ़ैसला पनाल्टी किक्स पर होता है तो बतौर-ए-टीम खेले जाने वाले खेल फुटबाल की असल रूह ख़त्म हो जाती है। इनका कहना था कि उन्होंने जर्मनी के वर्ल्ड कप जीतने वाले खिलाड़ी और मैनेजर फ़राँज़ बेकन बाववर को कहा है कि वो इसके लिए कोई मुतबादिल तलाश करें।

फ़ीफ़ा के सदर सैप ब्लैटर का कहना है कि जब आप पनाल्टी किक्स के लिए जाते हैं तो फुटबाल मैच एक सानिहा (मुसीबत) बन सकता है। फुटबाल को अफ़राद के मुक़ाबले का खेल नहीं बनना चाहीए जब ये पनाल्टी किक्स की तरफ़ जाता है तो फुटबाल की असल रूह ख़त्म हो जाती है।

उन्होंने कहा उम्मीद है कि फ़राँज़ बेकन बाववर अपने फुटबाल ग्रुप के साथ मिल कर इस मसले का कोई हल निकालेंगे ताहम ( फिर भी) हो सकता है कि ये अभी तो नहीं लेकिन मुस्तक़बिल में हो जाए। इस मर्तबा चैम्पियंस लीग के फाईनल का फ़ैसला भी पनालटी किक्स पर हुआ जिस में चेल्सी ने बायरन म्यून्ख़ के खेल पर हावी रहने के बावजूद फ़तह हासिल कर ली। ये दसवीं मर्तबा है कि यूरोपीयन कप के फाईनल का फ़ैसला शूट आउट पर किया गया है।