कुरान पैगाम देती है कि रोजे का मतलब है किसी महिला को गलत नजर से मत देखो, किसी को गालियां मत दो। बिना वजह किसी की भी पिटाई न करें और अगर कोई ऐसा करता है तो उसका रोजा कबूल नहीं होता। असल में रोजा इंद्रियों को नियंत्रण में करके खुदा की खुशी के लिए काम करना है।