पैरों से महरूम(मजूर ) अमरीकी शहरी ने 19 हज़ार फीट बुलंद(ऊंचाई ) चोटी सर कर ली

हिम्मत-ए-मर्दां मदद-ए-ख़ुदा की मिसल के मुमासिल दुनिया में कई ऐसी मिसालें हैं जहां इंसान माज़ूर जिस्म के साथ भी कई बुलंद कारनामा अंजाम देता है।

बुलंदी पर पहुंचने के लिए ताक़त की नहीं हिम्मत की ज़रूरत होती है, ये बात पैरों से महरूम अमरीकी ने बरि्इ आज़म अफ़्रीक़ा की बलंद तरीन चोटी सर कर के साबित कर दी है . दोनों पैरों से महरूम असपीनसर वैस्टने (9,341) फीट बुलंद कीली मंजा रो माउंट सिर्फ हाथों के बल पर चलते हुए सात दिन में सर(पूरा ) कर डाली।

असपीनसरने ये कारनाम सरअंजाम देते हुए ना सिर्फ अपनी हिम्मत का सबूत दिया है बल्कि फ़ला ही मक़ासिद के लिए पाँच लाख डालर की रक़म भी जमा कर ली है।