प्याज़ की कीमतों में मस्नूई इज़ाफे पर क़ाबू पाने मर्कज़ की हिदायत

मुल्क के बेशतर इलाकों में जुलाई से प्याज़ की कीमत में ज़बरदस्त इज़ाफे पर हुकूमत फ़िक्रमंद

मर्कज़ ने तमाम रियासती हुकूमतों बिशमोल महाराष्ट्रा को हिदायत दी है कि प्याज़ की कीमतों में मस्नूई इज़ाफ़ा बरक़रार रखने के लिए मौसमी क़िल्लत से फ़ायदा उठाते हुए ज़ख़ीरा अंदोज़ी करने वाले ताजिरों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाये। जुलाई से प्याज़ की कीमत में मुल्क के बेशतर इलाक़ों की होलसेल और रीटेल मंडियों में ज़बरदस्त इज़ाफे पर हुकूमत फ़िक्रमंद है।

दिल्ली में प्याज़ की रीटेल कीमत 80 रुपये फ़ी किलो ग्राम हो गई है क्योंकी प्याज़ की पैदावार की अहम रियासतों से सरबराही कम मिक़दार में की जा रही है। तमाम रियासतों और मर्कज़ी ज़ेरे इंतेज़ाम इलाक़ों को हिदायत दी गई है कि प्याज़ की कीमत में मस्नूई इज़ाफ़ा पैदा करने वाले ताजिरों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाये। विज़ारत उमूर सारिफ़ीन के एक सीनियर‌ ओहदेदार ने कहा कि महाराष्ट्र में प्याज़ की कम मिक़दार में पैदावार के पेशे नज़र इसका ज़ख़ीरा कर लिया जाता है।

इस रियासत को हिदायत दी गई है कि तमाम बाज़ारों को प्याज़ की मुसलसल सरबराही यक़ीनी बनाई जाये और मर्कज़ को इत्तिला दी जाये कि कहीं सरबराही के सिलसिले में रुकावट की वजह से कीमत में इज़ाफ़ा तो नहीं होरहा है। जारीया माह भी प्याज़ की कीमत में इज़ाफ़ा जारी है क्योंकी गुज़िश्ता साल फ़सल के मौक़े पर ज़ख़ीरे की हुई प्याज़ का 90 फ़ीसद हिस्सा ख़त्म होचुका है। इस्तेमाल के लिए सिर्फ़ तीन ता चार लाख टन प्याज़ मौजूद है।

तकरीबन 17 लाख 50 हज़ार टन प्याज़ 2013 में इस्तेमाल के लिए ज़ख़ीरा की गई थी। 15 लाख 50 हज़ार टन प्याज़ महाराष्ट्र गोदामों में थी। एक ता दो लाख टन प्याज़ गुजरात , बिहार , कर्नाटक , मध्य प्रदेश , उत्तरप्रदेश, राजिस्थान और तमिलनाडू में से हर रियासत में ज़ख़ीरा की गई थी। आम तौर पर ज़ख़ीरा की गई प्याज़ जून ता अगस्त इस्तेमाल के लिए बाज़ार में पेश की जाती है। कर्नाटक और आंध्रप्रदेश से ताज़ा फ़सल से काफ़ी मिक़दार में प्याज़ हासिल नहीं हो सकी जिस की वजह से बारिश की वजह से प्याज़ की काशत में ताख़ीर है।