हिन्दी फ़िल्मी दुनिया में कल का दिन हमेशा एक सदमे के दिन के तौर पर मनाया जाएगा। कल ही के दिन प्रकाश मेहरा जैसी मुमताज़ ( मशहूर) फ़िल्मी शख़्सियत इस दुनिया से रुख़स्त हो गये थे। आँजहानी मेहरा ने फिल्मों की कामयाबी को एक नया मफ़हूम (उद्देश्य) दिया था।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर शहर की गलीयों में पले बढ़े प्रकाश मेहरा ने मुंबई में वो मुक़ाम हासिल किया जो नसीब वालों को ही मिलता है। अमिताभ बच्चन के साथ ज़ंजीर से शराबी तक का सफ़र तय करने वाले प्रकाश बहुत ही संजीदा इंसान थे। ज़बरदस्त जद्द-ओ-जहद के बाद अपने 33 साला फ़िल्मी सफ़र में प्रकाश मेहरा ने ना सिर्फ दौलत और शोहरत कमाई बल्कि जज़बाती रिश्तों को भी ऐसी तर्जीह (प्रधानता) दी कि इन के साथी उन्हें आज भी इज़्ज़त से याद करते हैं।