प्रख्यात उर्दू लेखिका बानो क़ुदसिया का निधन

लाहौर। राजा गिद्ध और हासिल घाट फेम प्रख्यात उर्दू लेखिका बानो क़ुदसिया का 88 साल की उम्र में शनिवार को लंबी बीमारी के पश्चात निधन हो गया। वह उर्दू और पंजाबी की प्रसिद्ध नाटककार, उपन्यासकार, टीवी कार्यक्रमों और नाटकों की लेखक थी। 28 नवम्बर को फिरोजपुर (पंजाब) में पैदा हुई बानो विभाजन के पश्चात लाहौर आ गई थी। उसके पिता जमीदार थे। उनके परिवार में तीन बेटे, उनकी पत्नियां और सात पोते हैं। उन्होंने अपनी शुरूआती पढाई भारत के धर्मशाला में की थी। उनकी माँ शिक्षाविद थी जिन्होंने बानो को पढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने 1951 में सरकारी कालेज लाहौर से उर्दू में एमए किया।

उनको वर्ष 1986, 1988, 1989 और 1990 में सर्वश्रेष्ठ नाटककार का स्नातक पुरस्कार मिला था। उन्हें सर्वश्रेष्ठ नाटककार के लिए ताज पुरस्कार भी मिला था। वर्ष 2003 पकिस्तान सरकार ने उनकी उपलब्धियों के लिए सितारा ए इम्तियाज़ पुरस्कार से नवाजा था। इसके साथ ही उनको कमाल ए फन के साथ ही कई पुरस्कार मिले थे। उनका निकाह 1956 में असफाक अहमद के साथ हुआ था जिनका 7 सितंबर 2004 में इंतकाल हो गया था।