प्रधान मंत्री पर‌ लगाए आरोपों की आज़ादाना जांच‌ ज़रूरी

* मनमोहन सिंह अगर इमान्दार‌ हैं तो जांच‌ का सामना करें: अन्नाहज़ारे
नई दिल्ली। रिश्वत के इल्ज़ामों को साबित कर दिया जाए तो लोगों ज़िंदगी से दुर होजाने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के रेमार्क के बाद आज ताज़ा झग‌डा पैदा हुआ।

अन्नाहज़ारे टीम ने उन प‌र‌ रिश्वत के आरोप लगाएं थे। टीम के सदस्यों ने प्रधान मंत्री के ख़िलाफ़ आज़ादाना जांच‌ के लिए ज़ोर दिया जबकि हुकूमत ने उन के मुतालिबे को रद‌ कर दिया।

अन्नाहज़ारे ने एक टी वी चैनल को बताया कि प्रधानमंत्री एक इमान‌दार शख़्स हैं तो उन्हें जांच‌ का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहीए। इन के ख़िलाफ़ इल्ज़ामों की जांच पुर्व‌ जज की निगरानी में कि जानी चाहीए। लेकिन‌ अनाहज़ारे ने कहा कि उन्हों ने हमेशा देखा हैकि प्रधानमंत्री एक उसुलों के पाबंद‌ शख़्सियत होते हैं। इस ख़्याल की अन्नाहज़ारे टीम के दूसरे रुकन जस्टिस संतोष हीगडे ने भी हिमायत की, जिन्हों ने इस बात को नोट किया कि मनमोहन सिंह के ख़िलाफ़ इल्ज़ामात पर यक़ीन करना निहायत ही मुश्किल है, लेकिन किसी किस्म की बदउनवानी का गुमान पाया जाता हैकि तो अगर इस वीशेष‌ में सबूत हों तो जांच‌ की जा सकती है।

अन्नाहज़ारे ने कहा कि इन की टीम की तरफ‌ से प्रधानमंत्री पर‌ लगाए गए आरोपों का जायज़ा लेने के लिए जयादा वक़्त की ज़रूरत है। अन्नाहज़ारे टीम के एक और रुकन अरविंद कजरीवाल ने कहाकि उन्हों ने ये आरोप‌ नहीं लगाये हैं बल्कि कोयला बलॉक तख़सीस पर कम्पू ट्रू लर एंड ओडीटर जनरल की रिपोर्ट में ये सब बताया गया है।

प्रधानमंत्री पर लगाये गएं इल्ज़ाम‌ अगर ग़लत साबित हों तो ये हमारे लिए सब से बड़ी ख़ुशी की बात होगी, लेकिन हम इस को किस तरह साबित करे इस के लिए ज़रूरी हैकि जांच एजेंसी के ज़रीये आज़ादाना तहक़ीक़ात करवाई जाए। क़ानून मंत्री सलमान ख़ुर्शीद ने प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ आज़ादाना जांच‌ कराने अनाहज़ारे टीम के मुतालिबा को रद‌ कर दिया।