प्राइवेट स्कूल री-एडमिशन और डेवलोपमेंट फीश नहीं वसूलेंगे। यह फैसला गुरुवार को डीसी मनोज कुमार की सदारत में हुई प्राइवेट स्कूलों के प्रिन्सिपल की बैठक में लिया गया। बैठक में कहा गया कि आरटीई एक्ट 13 (1) के मुताबिक री-एडमिशन और डेव्लपमेंट फीश नहीं वसूला जा सकता है। साथ ही तमाम स्कूलों को हर साल ऑडिट रिपोर्ट जिला तालीम सुप्रीटेंडेंट और जिला तालीम ओहदेदार के दफ्तर में जमा करनी होगी।
बैठक में डीसी ने कहा कि जिला नोडल अफसर तमाम स्कूलों से फीश इजाफा, डेवलोपमेंट फीश, सालाना फीश, ट्रांसपोर्टिंग फीश, किताब/ड्रेस/स्टेशनरी की फरोख्त वगैरह से मुतल्लिक़ इत्तिला हासिल कर एक हफ्ताह के अंदर जिला इंतेजामिया को इत्तिला करेंगे। हर तीन महीने में तजवीज बैठक होगी। इसमें इन हिदायतों के पालन की तजवीज और तालिबे इल्म के मुफाद में मुस्तकबिल की काम की मंसूबा पर गौर किया जाएगा।
बैठक में अपर समाहर्ता शैलेंद्र कुमार लाल, जिला डीटीओ नागेंद्र पासवान, जिला तालीम सुप्रीटेंडेंट शरीक जिला तालीम ओहदेयार शरीक जिला नोडल ओहदेदार जयंत कुमार मिश्र, समेत जिले के तमाम सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों के प्रिन्सिपल/इंतेजामिया मौजूद थे।
स्कूल में किताबें बेचीं तो मंजूरी होगी मंसूख
अब कोई भी स्कूल गार्जियन को स्कूल अहाते या किसी खास दुकान से किताब, ड्रेस, स्टेशनरी वगैरह खरीदने के लिए मजबूर नहीं करेगा। जिन स्कूलों में काउंटर बनाकर इनकी फरोख्त की जा रही है, उनकी मंजूरी मंसूख करने से मुतल्लिक़ कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने कहा कि तमाम स्कूल क्लास वार किताबों की फेहरिस्त अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दें। रिजल्ट के साथ किताबों की फेहरिस्त भी गार्जियन को दस्तयाब करा दें।
गार्जियन की मंजूरी के बाद बढ़ाएं फीस
स्कूल इंतेजामिया असातिज़ा-गार्जियन की बैठक बुलाकर फीश इजाफा पर मंजूरी से फैसला ले सकते हैं। वह भी 10-15 फीसद से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। हुकूमत भी डीसी की सदारत में फेश मुकर्रर कमेटी तशकील कर रही है। जिला तालीम ओहदेदार इसके मेम्बर सेक्रेटरी होंगे। सीबीएसई और आईसीएसई से मुतल्लिक़ स्कूलों के प्रिन्सिपल या एजेंट और गार्जियन यूनियन के नुमाइंदे इसके मेम्बर होंगे।