रियासत में आवाम की रहनुमाई की दावेदारी कर रहे क़ौमी दल हों या मुक़ामी दल, किसी का ग्रैजुएट उम्मीदवार पर ज्यादा भरोसा नहीं दिख रहा। पहले मरहले में तीन मरहले में मैदान में उतरे उम्मीदवारों को देखें तो उनमें आधे भी ग्रेजुएट नहीं हैं। कांग्रेस ने 46 फीसद ग्रेजुएट को ही टिकट दिया। झामुमो ने 42 फीसद ग्रैजुएट पर यकीन जताया। झाविमो का अदाद और नीचे गिरा। उसने सिर्फ 40 फीसद ग्रेजुएट को ही टिकट दिया। हालांकि, इस मामले में भाजपा और राजद का फैसला थोड़ा सही माना जा सकता है। भाजपा ने तकरीबन 54 फीसद ग्रैजुएट को उम्मीदवार बनाकर इंतिखाबी मैदान में उतारा। वहीं, राजद के 65 फीसद उम्मीदवार ग्रेजुएट हैं। दूसरी तरफ आज़ाद उम्मीदवारों में ग्रैजुएट और उससे ज़्यादा तालीम हासिल करने वालों का ग्राफ बेहतर है। 52 सीटों पर मैदान में उतरे 82 आज़ाद उम्मीदवार ग्रेजुएट हैं।
ग्रेजुएट में सबसे ज्यादा केस भानुप्रताप शाही पर
ग्रेजुएट उम्मीदवारों पर तौविल मुजरिमाना मुकदमों के अदाद पर नजर डालें तो इस मामले में भानुप्रताप शाही अव्वल हैं। भवनाथपुर से नवजवान संघर्ष मोर्चा के उम्मीदवार शाही पर 13 केस दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर मझगांव से जय भारत समानता पार्टी के उम्मीदवार मधु कोड़ा और हुसैनाबाद से बसपा उम्मीदवार कुशवाहा शिवपूजन मेहता पर 8-8 और तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर मांडर से इंतिख़ाब लड़ रहे बंधु तिर्की और खरसावां से झामुमो उम्मीदवार दशरथ गगरई पर 7-7 मुकदमे जेरे गौर हैं।
70 ग्रेजुएट उम्मीदवार हैं करोड़पति
पहले मरहले में तीन मरहेल के उम्मीदवारों में 293 करोड़पति हैं। ग्रेजुएट उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा जायदाद पांकी से झाविमो के मधुसूदन त्रिपाठी के पास है। उनके पास 23.53 करोड़ की जायदाद है। दूसरे नंबर पर हजारीबाग के भाजपा उम्मीदवार मनीष जायसवाल हैं। उनके पास 18.26 करोड़ की जायदाद है। पांकी से आज़ाद कुशवाहा शशिभूषण महतो के पास 13.51 की जायदाद हैं। ग्रेजुएट उम्मीदवारों में अहम करोड़पतियों में अन्नपूर्णा देवी, सरयू राय, दुलाल भुइयां, गीता कोड़ा, मधु कोड़ा, महुआ माजी, निएल तिर्की, पौलुस सुरीन, सुदेश महतो वगैरह हैं।
अनपढ़ तक मैदान में
नौ दिसंबर को तीसरे मरहले के लिए वोटिंग होना है। इसमें कुल 289 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 160 उम्मीदवार 12 वीं पास हैं या इससे कम पढ़े-लिखे। 125 उम्मीदवार ग्रेजुएट हैं। तीसरे मरहले में 26 फीसद खातून को मुखतलिफ़ सियासी दलों की तरफ से टिकट दिया गया है। तीसरे मरहले में खड़े राजधनवार से आज़ाद तौर से इंतिख़ाब लड़ने वाले बंधन रविदास अनपढ़ हैं। 11 उम्मीदवार थोड़ा बहुत पढे लिखे हैं। छह उम्मीदवार पांचवीं पास, 25 आठवीं पास, 54 उम्मीदवार 10 वीं पास, 12 वीं पास उम्मीदवारों की तादाद 64 है।
खातून और आधी आबादी को हक दिलाने की बात करने वाली पार्टियां खातून को टिकट देने के मामले में बहुत अच्छा नहीं दिखतीं। पहले तीन मरहले में 711 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें ख़वातीन की तादाद महज 78 है यानी कि 11 फीसद। क़ौमी पार्टियों में भाजपा ने पांच, जबकि कांग्रेस ने सात ख़वातीन को टिकट दिया है। झामुमो ख़वातीन को टिकट देने में आगे है। उसने नौ ख़वातीन को मैदान में उतारा है। टीएमसी व बसपा जैसे दलों की सरबराह खातून हैं। इसके बावजूद तृणमूल ने 3 और बसपा ने 4 ख़वातीन को उम्मीदवार बनाया।
दीगर पार्टियां
अन्नपूर्णा देवी, कोडरमा (राजद)
चंद्रा रश्मि, कांके (समता पार्टी)
माला सिंह, जमशेदपुर प. (सपा)
सुखमनि तिग्गा, मांडर (सपा)
नीरा देवी, मनिका (टीएमसी)
सुशीला मिंज, गुमला (टीएमसी)
क्लेमेंसिया हेंब्रम, तोरपा (टीएमसी)
राजमुनि कुंवर, मनिका (बसपा)
रेणु देवी, छतरपुर (बसपा)
तेतरी देवी, हजारीबाग (बसपा)
सुखमति बाजरो, चाईबासा (बसपा)
सुधा चौधरी, छतरपुर (जदयू)
मंजू गौतम, बरही (सीपीआई)
गीता कोड़ा, जगन्नाथपुर (जभासपा)
मेनन एक्का, सिमडेगा (झापा)।