फजर की नमाज़ ने जान बचाई

नमाज़ हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है। जो बंदा मोमिन बारगाह ख़ुदावंदी पंजवक़्ता नमाज़ अदा करता है उसकी ज़िंदगी महफ़ूज़ अदवार से गुज़रती है।

हर नमाज़ वक़्त पर अदा करने की आदत ने बस सानिहा के एक मुसाफ़िर की जान बचाई है। बैंगलौर से हैदराबाद आने वाली लग्झरी बस आतिशज़दगी सानिहा में 45 मुसाफ़िर हलाक हुए थे लेकिन एक मुसाफ़िर हफ़ीज़ ने बस में सवार होने के बाद नमाज़-ए-फ़ज्र अदा करने के लिए अपने मोबाईल फ़ोन पर सुबह 5 बजे का अलार्म रखा था।

जब उनके मोबाईल फ़ोन पर सुबह 5 बजे का अलार्म होरहा था एन उसी वक़्त बस को आग लग गई। इस से पहले के आग तेज़ी से भड़क उठती वो अपनी नशिस्त नंबर एक से उठ खड़े हुए और बाहर छलांग लगादी।

इसी तरह नमाज़ ने उनकी जान बचादी ।आग में जलकर ख़ाकसतर होने वाली बस से पुलिस ने सोने का मंगल सूत्र और दुसरे अँगूठीयां बरामद की हैं।

इस के अलावा 12 किलोग्राम चांदी की अशीया और दुसरे मेटल बरामद किया है। इस सानिहा में बैंगलौर में कार मैकेनिक का काम करने वाले दो भाई हसीब और साक़िब भी हलाक हुए हैं।

ये दोनों अपने घर वालों से ये कह कर बस में सवार हुए थे कि दूसरे दिन शाम तक बैंगलौर वापिस होजाएंगे लेकिन क़िस्मत ने उन्हें कहीं और पहुंचा दिया। ये दोनों अक्सर हैदराबाद को ओलड मोटर पार्ट्स ख़रीदने आया करते थे।