मसूरी: मसूरी की लाल बहादुर शास्त्री इंतेज़ामिया एकेडमी में फर्जी दस्तावेज की बुनियाद पर तकरीब छह महीने ट्रेनिंग लेने वाली रूबी चौधरी का एकेडमी में खूब रौब था. वह ट्रेनी आईएएस लड़कियों से वह बड़े एतेमाद के साथ मिलती और किसी के सवाल-जवाब करने पर वह डपट देती थी जिसकी वजह से सब उससे दबे-दबे रहते थे. उसने कभी शक नहीं होने दिया कि वह क्या है. एकेडमी में तालीम ले रहे कई ट्रेनी आईएएस ने कहा कि वह यहां ‘स्पेशल वन’ थी.
आपको बता दें कि फर्जी आईएएस ट्रेनी को पिछले दिनों मसूरी से गिरफ्तार किया गया था.
यहां तरबियत पा रहे ट्रेनी आईएएस का कहना है कि रूबी किसी को कुछ नहीं समझती थी. हद तो तब हो गई जब 19 दिसंबर 2014 को सदर जम्हूरिया प्रणब मुखर्जी के एकेडमी में आने से ठीक दो दिन पहले तैयारियों के वक्त एक ट्रेनी आईएएस ने रूबी को देखकर सवाल दागा,” हू आर यू, आई हैवेंट सीन यू हेयर?” यह सुनते ही रूबी गुस्से से भन्नाते हुए बोली, ”हू आर यू? आई हैवेंट सीन यू इन द एकेडमी? नेवर! टेल मी हू आर यू?” यह सुनकर वह ट्रेनी आईएएस ही नहीं, उसके बाकी साथी भी सकपका गए. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि वह वाकई में ‘स्पेशल वन’ थी. एक ट्रेनी आईएएस उसे याद करते हुए कहते हैं, ”जिस तरह ‘स्पेशल 26’ में अक्षय कुमार आखिर तक अपने फर्जी होने का राज़ नहीं खुलने देते, ठीक उसी तरह उसने भी कभी किसी को यह अहसास नहीं होने दिया कि वह फर्जी है.”
एकेडमी में आने के दो रास्ते हैं. एक मेन दरवाज़ा जहां आईटीबीपी की सेक्युरीटी होती है. एक दूसरा गेट जिस पर गार्ड तैनात होते हैं. रूबी मेन गेट से कभी नहीं आती थी. वह नीचे के गेट से आती थी. उत्तराखंड के डीजीपी बीएस संधू ने बताया कि रूबी नैनीताल में डेढ़ माह तक एसडीओ बनकर रही. जिस होटल में ठहरती, यह कहकर जाती कि एटीएस नैनीताल जा रही हूं.
लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वह इंस्टीट्यूट में दाखिला नहीं ले सकी. वहां उसका कोई जुगाड़ नहीं बैठा. वह बार-बार होटल बदलती रही. लेकिन बाद में वह एलबीएस एकेडमी में आई और दाखिला लेने में कामयाब हो गई. सबसे पहले उसने एलबीएस एकेडमी के सबसे भरोसेमंद गार्ड देवसिंह को लायब्रेरी प्वॉइंट पर पकड़ा और उसे पेइंग गेस्ट बनाने की पेशकश रखी . फिर वह देवसिंह के मकान में किराए से रहने लगी. देवसिंह को उसने यकीन दिला दिया कि वह वाकई में एक ट्रेनी आईएएस है.
इस तरह वह एकेडमी के अंदर दाखिल होने लगी. यह भी इत्तेला मिली कि रूबी के जैसा वाकिया हर दो साल में एकेडमी के सामने आते रहते हैं. तीन साल पहले एक लड़का तो डीओपीटी और यूपीएससी के फर्जी दस्तावेज तैयार करके ले आया था. जब उसे जबरदस्ती बाहर निकाला गया तो उसने ये दस्तावेज सुबूत के तौर पर पेश किए. एक आफीसर ने बताया कि रूबी का कोई आईकार्ड बना ही नहीं था. जो कार्ड वह बता रही है वो एटीआई नैनीताल का है.