फर्स्टलांसर के फ़ौजी इलाके में कमसिन तालिब-ए-इल्म को ज़िंदा जलादेने की कोशिश

मुदर्रिसा के एक कमसिन तालिब-ए-इल्म को मुबय्यना तौर पर फ़ौजीयों के हाथों ज़िंदा जलादेने का इंसानियत सोज़ वाक़िया सिद्दीक़नगर फर्स्टलांसर में पेश आया।

इस वाक़िये में 11 साला दीनी मुदर्रिसा का तालिब-ए-इल्म साला शेख़ मुस्तफुद्दीन 90 फ़ीसद झुलस गया और उसकी हालत इंतिहाई तशवीशनाक बताई जाती है।

ताहम आला फ़ौजी हुक्काम ने रात देर गए एक बयान जारी करते हुए कहा कि उनकी तहक़ीक़ात पर पता चला हैके फ़ौज पर आइद करदा इल्ज़ाम बिलकुल ग़लत है और कोई भी फ़ौजी मुलाज़िम इस वाक़िये में शामिल नहीं है।

ख़ातियों की इस बरबरीयत और वहशयाना हरकत के ख़िलाफ़ ब्रहम मुक़ामी अवाम सड़कों पर निकल आए और हुमायूँनगर की मसरूफ़ तरीन रोड पर रास्ता रोको एहतेजाज किया जिस पर टास्क फ़ोर्स ने ताक़त का इस्तेमाल करते हुए ब्रहम नौजवानों को लाठी चार्ज के ज़रीये मुंतशिर करने की कोशिश की जिस के नतीजे में पुलिस और फ़ौजी कैंप पर संगबारी की गई।

अतराफ़ वाकनाफ़ के कई इलाक़ों में ज़बरदस्त सनसनी-ओ-कशीदगी फैल गई। तफ़सीलात के बमूजब दीनी मुदर्रिसा मुहम्मदिया फर्स्टलांसर के तालिब-ए-इल्म को मुबय्यना तौर पर बसनतर 47 ब्रिगेड। मेहदीपट्नम गीरीसन (फ़ौजी यूनिट)से वाबस्ता दो फ़ौजीयों ने दोपहर 2.30 बजे कैंप के अंदर तलब किया और बाद अज़ां इस पर केरोसीन छिड़क कर नज़र-ए-आतिश कर दिया।

शेख़ मुस्तफ़ा ने बिस्तर-ए-मृग पर अपना बयान मजिस्ट्रेट के रूबरू कलमबंद करवाते हुए ये वाज़िह तौर पर कहा कि मुझे दो फ़ौजीयों ने तमांचा रसीद करने के बाद आग लगादी। नामपली क्रीमिनल कोर्ट के 15 वीं ऐडीशनल चीफ़ मेट्रो पोलीटन मजिस्ट्रेट ए श्रीनिवास कुमार के रूबरू ये बयान कलमबंद करवाया गया है जो एहमीयत का हामिल है।

दो मुक़ामी अफ़राद अबदुलक़दीर और मुहम्मद ख़ालिद जो एनी शाहिदीन भी हैं शेख़ मुस्तफ़ा के जिस्म पर लगी आग को बुझाने के लिए हरमुमकिन कोशिश की। हुमायूँनगर पुलिस ने अबदुलक़दीर की शिकायत पर इस सिलसिले में एक मुक़द्दमा 386/2014 ताअज़ीरात-ए-हिंद के दफ़ा 307r/w34 के तहत नामालूम दो फ़ौजीयों के ख़िलाफ़ एक मुक़द्दमा दर्ज करते हुए तहक़ीक़ात का आग़ाज़ कर दिया।

इंतिहाई झुलसी हुई हालत में शेख़ मुस्तफ़ा कैंप ऑफ़िस के क़रीब दस्तयाब होने पर मुक़ामी अफ़राद ने आग बुझाने की कोशिश की और बादअज़ां इस के अफ़रादे ख़ानदान को इस वाक़िये की इत्तेला दी।

अपने लड़के को इंतिहाई झुलसी हुई हालत में देख कर शेख़ मुक़ीतुद्दीन और दुसरे अफ़रादे ख़ानदान पर सकता तारी होगइ और कमसिन लड़के को मुक़ामी ख़ानगी दवाखाने ले जाया गया लेकिन वहां पर उसे बेहतर तिब्बी इमदाद हासिल ना होने पर दवाख़ाना उस्मानिया मुंतक़िल किया गया।

शेख़ मुस्तफ़ा को दवाख़ाना उस्मानिया के बर्निंग वार्ड में शरीक किया गया था लेकिन हालत इंतिहाई तशवीशनाक होने के बाद उसे कंचनबाग़ में वाक़्ये अपोलो डी आर डी ओ हॉस्पिटल मुंतक़िल किया गया। शेख़ मुस्तफ़ा सिद्दीक़नगर फर्स्टलांसर का साकन है और शेख़ मुक़ीत और शाकरा बेगम का लड़का है।

शेख़ मुक़ीतुद्दीन जो पेशा से ड्राईवर हैं और उन को 5 बच्चे हैं जिस में 4 लड़के और एक लड़की शामिल है। लड़के को फ़ौजी कैंप में ज़िंदा जलाए जाने की इत्तेला पर वैस्ट ज़ोन के आला पुलिस ओहदेदार मुक़ाम वारदात पर पहूंच गए और वहां पर डॉग स्क्वाड और सुराग़ रसानी दस्ता क्लोज़ टीम को भी तलब करलिया गया। फॉरेंसिक माहिरीन ने वहां से एक केरोसीन की बोतल और माचिस बॉक्स बरामद करलिया है।