हैदराबाद २५अप्रैल (सियासत न्यूज़) फ़लक नुमा रीतू बाज़ार ,शहर भर में एक ऐसा रीतू बाज़ार है जहां आने वाले 90 फ़ीसद ग्राहक उर्दू दां होते हैं, मगर मसला ये था कि यहां मौजूद 99 फ़ीसद रेट बोर्ड सिर्फ़ तलगो में तहरीर थे , जिसके नतीजे में यहां ग्राहकों को रेट के हवाले से फ़ी परेशानी और उलझन का सामना था ,चूँकि तलगो से अदम वाक़फ़ीयत के सबब किसी भी चीज़ का बोर्ड रेट किया है और उन से किस हद तक बढ़ कर क़ीमत वसूल की जा रही है ?
इस बात का उन्हें सही अंदाज़ा नहीं होता था।सारिफ़ीन की उलझन और परेशानी की इत्तिला पर सियासत ने चंद माह क़बल एक रिपोर्ट में मुताल्लिक़ा अर्बाब मजाज़की तवज्जा इस जानिब मबज़ूल करवाई थी ,और तलगो से अदम वाक़फ़ीयत की वजहा से होने वाली लूट मारिसे उन्हें वाक़िफ़ करवाया था ।
ख़बर की इशाअत के साथ ही पहले से किए जा रहे उर्दू रेट बोर्ड के मुतालिबे में शिद्दत पैदा हो गई और ओहदेदारों को मतलूबाकार्रवाई( बोर्ड के लिए टनडर की तलबी, अख़राजात का तख़मीना और दीगर कारर-ओ-आई )का आग़ाज़ करना पड़ा। इस रीतू बाज़ार के बाब अलद अखिला के पास मैन बोर्ड परमख़सूस तर्कारीयों की क़ीमतें उर्दू में भी दर्ज की जाती रही हैं ताहम माबक़ी (11) स्टालस के किसी भी बोर्ड पर सिवाए तेलगु के दूसरी ज़बान में क़ीमतें नहीं लिखी जाती थी ,जिस का फ़ायदा यहां किसान और दूसरे दुकानदार , ग्राहक से ज़्यादा क़ीमत वसूल करके उठाते थे ,ताहम अब उन्हें ऐसा करने का नहीं मिलेगा क्योंकि अब मैन बोर्ड के इलावा तमाम बोर्ड ज़पर तलगो के साथ उर्दू में भी क़ीमतें दर्ज की जा रही हैं ।
तमाम रेट बोर्ड को उर्दू में तहरीर करने के बाद उर्दू दां सारिफ़ीन ने मुसर्रत का इज़हार किया है ,इन का कहना कि सही रेट मालूम करने अब उन्हें बार-बार बाब अलद अखिला के पास नहीं जाना पड़ेगा। एकसारिफ़ मुहम्मद महबूब ने सियासत को बताया कि ,वो छः साल से आरहे हैं जहां तर कार्यो की क़ीमतें मीर आलिम मंडी के मुक़ाबले में भी सस्ती होती हैं,मगर मसला ये था कि तमाम स्टालस पर तमाम अश्या की क़ीमतें तलगो में होने से मसाइल का सामना था ,चूँकि कोई भी रेतू बाज़ार दुकानदार सही क़ीमत बोलने तैय्यार नहीं, उनके मुताबिक़ तक़रीबन तमाम रीतू ं की एक ही आदत है कि वो बोर्ड रेट से हमेशा दो चार रुपय बढ़ कर ही बताते हैं,ज़ाहिर है अगर हम को तेलगु नहीं आती है तो वो जो कहते हैं उन पर भरोसे करना पड़ता है, अलबत्ता उन्होंने इस बात केलिए स्टेट ऑफीसर की सताइश की ज़्यादा क़ीमत वसूल किए जाने की सूरत में जब कभी भी मुताल्लिक़ा ऑफ़िस में शिकायत की जाती है , फ़ौरी तौर पर ख़ाती रीतूओं को चालान किया जाता है ।
ताहम कोई भी आख़िर कितनी बार शिकायत करता रहे गा? मगर अब बोर्ड रेट उर्दू में होने से हरकोई सही क़ीमत अदा कर सकता ही। स्टेट ऑफीसर मिस्टर मुजीब ने सियासत को बताया कि ग्राहकों के मुतालिबे के बाद उर्दू ज़बान में बोर्ड रेट केलिए एक तजवीज़ ,अस्सिटैंट डायरेक्टर आफ़ मार्किटिंग को भेजी जा चुकी थी मगर उसको मंज़ूरी मिलने में ताख़ीर होगई। ज़राए के मुताबिक़ , मिस्टर मुजीब की तजावीज़ को एग्रीकल्चर मार्किटिंग कमेटी से रुजू किया गया जहां ये फाईल अरसा-ए-दराज़ तक इलतिवा का शिकार रही । ताहम सियासत में ख़बर की इशाअत के बाद ओहदेदार हरकत में आए और सारिफ़ीन के देरीना मुतालिबे की तकमील हुई ।
वाज़ख़ रहे कि यहां जुमला 111स्टालस हैं और जुमला रईयतों की तादाद 250ता 300के क़रीब है जिनकी अक्सरीयत तेलगु बोलने वालों पर मुश्तमिल है ,जबकि ग्राहकों कीअक्सरीयत तलगो से नावाक़िफ़ होते हैं , मिस्टर मुजीब ने कहाकि अब तक निस्फ़ सेज़ाइद बोर्ड अरविद में तब्दील कर दिए गए हैं माबक़ी बोर्डस भी जल्द तैय्यार होंगे ।
उन्होंने कहा कि रेट बोर्ड के साथ इस रेतू बाज़ार में एक टन वज़न तौलने के हामिल एक इलैक्ट्रॉनिक कांटा का भी इंतिज़ाम कर दिया गया है जो कि रीतूओं की एक देरीना मुतालिबा था और इस तरह उनके मुतालिबे की तकमील भी होगई । इस के ज़रीया उन्हें माल का सही वज़न करने और मुनाफ़ा का अंदाज़ा हो सकेगा। उन्होंने सारिफ़ीन से अपील की कि यहां फ़राहम सहूलत से इस्तिफ़ादा करें और किसी भी मुश्किल प्राण से या सुपरवाइज़र से रब्त पैदा करें इंशाअल्लाह उनकी शिकायत दूर करदी जाएगी।