यूनाईटिड मुस्लिम फ़ोरम का हंगामी इजलास मौलाना अबदुर्रहीम क़ुरैशी की सदारत में मुनाक़िद हुआ, जिसमें याक़ूब मैमन की फांसी पर तफ़सीली तबादले ख़्याल और आलेर इन्काउंटर की चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना की जानिब से वाअदा के बावजूद सी बी आई या अदालती तहक़ीक़ात ना कराने पर तशवीश का इज़हार किया गया।
जामा मस्जिद दारुश्शिफ़ा के दफ़्तर में मुनाक़िदा इजलास में मौलाना हुसाम उद्दीन सानी जाफ़र पाशाह, मौलाना सैयद अहमद अल हुसैनी सईद कादरी, मौलाना मसऊद मजतहदी, मौलाना सैयद फ़ज़लुल्लाह कादरी, मौलाना तक़ी रज़ा आबिदी, मुफ़्ती मेराज उद्दीन इबरार, अकरम पाशाह कादरी, सैयद मुजतबा हुसैन बाबर, मुहम्मद अहमद शफ़ीक़, सैयद ज़फ़र अहमद और मुनीर उद्दीन मुख़्तार ने शिरकत की।
ज़राए ने बताया कि इजलास में आलेर इन्काउंटर की तहक़ीक़ात के लिए तशकील दी गई एस आई टी की सुस्त रवी और बी जे पी ज़ेरे क़ियादत एन डी ए हुकूमत की जानिब से निसाबी कुतुब में छेड़-छाड़ और तारीख़ को मसख़ करने पर तशवीश ज़ाहिर की गई।
ज़राए ने बताया कि हिंदू रस्मो रिवाज को क़ौमी तहज़ीब बनाकर पेश करने, मुल्क की मुख़्तलिफ़ रियास्तों और शहरों में मुसलमानों को हिरासाँ और परेशान करने, मुस्लिम तलबा को इश्लोक पढ़ने पर मजबूर करने और योगा को लाज़िमी क़रार देने पर सख़्त तन्क़ीद और मुज़म्मत की गई।
बादअज़ां इजलास ने हुकूमत पर दबाव डालने, मुस्लिम मसाइल हल कराने और मुस्तक़बिल की हिक्मते अमली तैयार करने से इत्तिफ़ाक़ किया, जब कि आख़िर में अइम्मा मसाजिद से बाराने रहमत के लिए जुमा के मौक़ा पर दुआ की अपील की गई।