नई दिल्ली: लखनऊ में सीबीआई की ख़ुसूसी अदालत ने 3 लोगो को जाली हिन्दुस्तानी करंसी की स्मगलिंग का मुजरिम क़रार दिया और उन्हें 7 साल की सज़ाए क़ैद बामुशक़क़्त सुनाई। सीबीआई प्रेस इन्फ़ार्मेशन ऑफीसर आर के गुरू ने बताया कि अदालत ने 3 लोग गुलशन-जहाँ , इमराना और मुहम्मद रशीद को 8 लाख रुपये जाली करंसी रखने पर मुजरिम क़रार दिया।
फी कस 1.30 लाख रुपये का जुर्माना आइद करते हुए 7 साल की सज़ाए क़ैद बामुशक़क़्त सुनाई। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने मज़कूरा 3 मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ एक केस दायर किया है जिसमें ये इल्ज़ाम आइद किया गया था कि ज़िला मालदा (मग़रिबी बंगाल के बाज़ अफ़राद पड़ोसी मुल्क बंगला देश से बड़े पैमाना पर जाली हिन्दुस्तानी करंसी स्मगलिंग कर रहे हैं जोकि तांडा।
रामपूर के साकिन गुलशन-जहाँ को सरबराह की गई है और ये ख़ातून , मुरादाबाद और रामपूर में नामालूम अफ़राद को जाली करंसी हवाले करती थी। बावसूक़ ज़राए ने इत्तेला मिलने पर सीबीआई ने धावे करते हुए गुलशन-ए-जहाँ की तहवील से 3 लाख रुपये मुरादाबाद की ममराना की तहवील से 3 लाख रुपये और रामपूर के मुहम्मद रशीद की तहवील से 2 लाख रुपये (जाली नोट बरामद करलिए थे जबकि इन मुल्ज़िमीन को लखनऊ रेलवे स्टेशन के एक प्लेटफार्म पर पकड़ लिया गया था जिन्होंने तहक़ीक़ात में जाली करंसी की स्मगलिंग में मुलव्विस होने का एतराफ़ कर लिया था|