बच्चों की किडनी और आँख निकालने वाला गिरोह सरगर्म

मेले और तेहवारों में अब ज़िला के लोगों को ज़्यादा चौकस रहने की ज़रूरत है। एक दिल दहला देने वाले वाकिए ने पूरे ज़िला को हैरत में दाल दिया है। सवाल उठता है की किया मधेपुरा में बच्चों की किडनी और जिश्म के दीगर अज़ा और आंखे निकालने वाला कोई गिरोह सरगम है? मधेपुरा ज़िला के गमहरिया थाना के एक गाँव में लाग्ने वाले मेले से गायब हुये 2 बच्चों की लाशें कल बरामद होने की इत्तिला है। उन दोनों मासूमों की लाशें कुछ अलग कहानी बयान कर रही है। दोनों लाशों का पेट फटा हुआ है और लगता है के आँखें निकाल ली गयी है।

गुजिशता 3 अक्तूबर को शुरू हुये एक मेले से अचानक गाँव के ही योगेंद्र पासवान के 10 साला बेटे दिलखुश और पिंटू कुमार अचानक गायब हो गए। घर वालों ने ढूँढने की लाख कोशिश की लेकिन कोई पता नहीं चल सका। कल शहर से ज़िला के डीहरा थाना के नहर में जब दो बच्चों की लाशें मिली तो उनकी पहचान दिलखुश और पिंटू की शकल में हुयी। लाश के पेट को चीर दिया गया था और आंखे निकाल दी गयी थी। महलुकीं बच्चों के घर वालों का कहना था की उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी जिससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है की उन बच्चों का कत्ल उनके अज़ा को निकाल कर फरोख्त करने के लिए किया गया है। ऐसे में ज़रूरी है की भीड़ भाड़ वाले मुकामात पर हम अपने बच्चों की हिफाजत का खास ख्याल रखें क्योंकि हमारे आस पास ऐसे दरिंदे हो सकते हैं। साथ ही अजनबी लोगों पर भी खास तवज्जो देने की ज़रूरत है । ज़िला इंतेजामिया और पुलिस के आला अफ़सरान को इसे संजीदगी से लेने की ज़रूरत है और ये पता लगाना लाज़मी हो गया है की कहीं कोई ऐसा गिरोह तो इलाक़े में सरगर्म नहीं है जो इंसानी अज़ा को फरोख्त करने की लिए मासूम बच्चों का कत्ल कर रहा है। इलाक़े के लोगों ने बताया की इस तरह के वाकियात से लोग सहमे हुये हैं और अपने मासूम बच्चों को बाहर भेजने से गुरेज कर रहे हैं।