बच्चों को किसान बता कर करोड़ों की गड़बड़ी

चतरा जिले में क़ौमी ज़िराअत इंसुरेंस मंसूबा में भारी गड़बड़ी का पता चला है। 789 बच्चों और गाँव वाले समेत कई दीगर लोगों को किसान बता कर करोड़ों रुपये की इंखिला की गयी है। इस घोटाले में सरकारी अफसर भी शामिल हैं। निगरानी अदालत के हुक्म पर हुई इब्तेदाई तहक़ीक़ में इसका खुलासा हुआ है। अब इस मामले में सनाह दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।

अपने ही बच्चों के नाम से निकाले पैसे :

निगरानी की तहक़ीक़ रिपोर्ट में कहा गया है कि नवादा के मौजूदा पैक्स सदर प्रवीण कुमार ने अपने ही नाबालिग बच्चों को किसान बता कर रुपयों की इंखिला की। उन्होंने अपने बच्चे जूही कुमारी (12), बेटा मनीष कुमार (11), प्रिंस कुमार (9) और अभिषेक (7) को कागज पर किसान बना दिया।

इन बच्चों के नाम पांच-पांच एकड़ जमीन दिखायी और फसल इंसुरेस मंसूबा मद से 68,380 रुपये की इंखिला कर ली। पैक्स सदर के रिश्तेदार ने 20 एकड़ जमीन को 120 एकड़ बता कर पैसों की इंखिला की। जिन 789 लोगों के नाम निकासी की गयी है, उनमें 44 लोग मुतल्लिक़ गांव में हैं ही नहीं। जिनके नाम इंखिला की गयी है, उनमें मनोज कुमार सिंह, महेश राम, सुनीता देवी, बेबी कुमारी समेत दीगर हैं। महेश राम टीचर हैं। उनके पास जमीन नहीं है। मनोज कुमार सिंह डॉक्टर हैं। उनके पास भी जमीन नहीं है। गांव की जिन लड़कियों के नाम इंखिला की गयी है, उनकी शादी हो चुकी है और सभी अपनी ससुराल में हैं।

निगरानी कोर्ट में 2011 में दरख्वास्त दायर कर गड़बड़ी की शिकायत की गयी थी। कहा गया था कि साल 2009 में चतरा में फसल इंसुरेंस मंसूबा का फायदा देने के नाम पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। अदालत के हुक्म के बाद निगरानी ने इब्तेदाई जांच की। जांच के दौरान इल्ज़ाम सही पाया गया। इसके बाद निगरानी ने तहक़ीक़ात रिपोर्ट अदालत को भेज दिया। नवादा के मौजूदा पैक्स सदर प्रवीण कुमार, मौजूदा सदर राजेंद्र सिंह, मौजूदा बीडीओ पारस नाथ यादव, मौजूदा सीओ अजय कुमार तिर्की और को-ऑपरेटिव बैंक के शाख मैनेजर सत्येंद्र कुमार के खिलाफ सुबूत जुटाये। अदालत ने मामले में शामिल लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने का हुक्म दिया है।