बड़े बे आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले…इस मिस्रे की मिसदा़क़ आज साबिर अली बीजेपी से भी निकाल दिये गये। बीजेपी सदर राजनाथ सिंह ने साबिर अली की रुकनियत रद्द कर दी है। उन्हें जुमे को ही बीजेपी में लाया गया था, लेकिन इसके फौरी बाद पार्टी की दाखिली मुखालिफत हुई और आरएसएस ने भी मुखालिफत की। हफ्ते की दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में बीजेपी के लीडर रविशंकर प्रसाद ने जानकारी दी कि सदर ने साबिर अली की रुकनियत खारिज करने का फैसला किया है।
इससे पहले पार्टी में शामिल होने पर बीजेपी में नाराजगी के बीच जदयू से निकाले गये साबिर अली ने बीजेपी शमूलियह इख्तेयार की थी, लेकिन आज उन्होंने बीजेपी हाइकमान से तब तक अपनी रुकनियत मुलतवी रखने को कहा, जब तक उनके खिलाफ लगे इल्जामात खारिज नहीं हो जाए।
राज्यसभा के रुक्न अली ने कहा कि अगर उनके खिलाफ दहशतगर्द यासीन भटकल से जुड़े इल्जामात साबित हो जाते हैं तब वह सियासत हमेशा से लिए छोड़ देंगे।
साबेर अली ने संहाफियों से कहा कि मैंने धर्मेन्द्र प्रधान को खत लिखकर अपनी रुकनियत मुलतवी रखने को कहा है। मैंने उनसे एक कमिटी बनाने की गुजारिश की है और इन इल्जामात की छानबीन करने को कहा है। अगर ये इल्जामात दूर दूर तक भी सही पाये जाते हैं तब मैं हमेशा के लिए सियासत छोड़ दूंगा।
जदयू से निकाले गये साबिर अली को बीजेपी में शामिल किए जाने पर सख्त एतेराज जताते हुए पार्टी नायब सदर मुख्तार अब्बास नकवी ने अली को दहशतगर्द भटकल का दोस्त बताया और सवाल किया कि क्या कल दाउद को भी पार्टी में शामिल कर लिया जाएगा।
नकवी को उनके लगाये आरोपों को साबित करने की चुनौती देते हुए अली ने कहा कि उन्होंने सपने में भी भटकल को नहीं देखा है और सिर्फ अखबारों से ही इसकी जानकारी है। उन्होंने कहा कि मैं उनसे पूछता हूं कि क्या उनमें इसे साबित करने की हिम्मत है अगर ऐसा नहीं है तब उन्हें सियासत छोड़ देनी चाहिए। मैं ऐसा करने को तैयार हूं।
आरएसएस ने भी साबेर अली को बीजेपी में शामिल किये जाने की मुखालिफत की थी। बीजेपी के स्पोक्समेन सुधांशू त्रिवेदी ने कहा है कि अली को बिहार इकाई की सिफारिशों के आधार पर शामिल किया गया था।