बदउनवान आज़ाद झारखंड के लिए हर कोई की हिस्सेदारी ज़रूरी

गरीबी, बेरोजगारी, नाख्वांदगी और बदउनवानी से झारखंड को आज़ाद करने की जरूरत है, ताकि यह तरक़्क़ी रियासतों में अपनी शिनाखत बना सके। यह तभी मुमकिन होगा, जब यहां रहने वाले हर सख्श इसमें हिस्सेदारी निभाए। गोवर्नर डॉ सैयद अहमद ने 26 जनवरी को रांची के मोरहाबादी मैदान में झण्डा फहराने करने के बाद लोगों को खिताब कर रहे थे। इस मौके पर आर्मी, फोर्सों , एनसीसी और होमगार्ड के जवानों की तरफ से परेड की सलामी भी ली। मुखतलिफ़ महकमा की तरफ से झांकियां भी निकाली गईं।

गोवर्नर ने नक्सल को तरक़्क़ी में सबसे बड़ी चैलेंज बताया और कहा कि इसके लिए हुकूमत सख्ती से निपट रही है। हुकूमत की मंसूबों का फाइदा हो रहा है और लोग मेन स्ट्रीम से जुड़ भी रहे हैं। मुक़ामी लोगों की मदद से इन इलाकों में छोटी- बड़ी सड़कें बनाई जाएंगी। उन्होंने जिराअत और किसानों के तरक़्क़ी के लिए चलायी जा रही मंसूबों की भी जानकारी दी और कहा कि देही इलाकों में जलछाजन और तालाबों को बेहतर बनाने का काम किया जा रहा है। किसानों, अफसरों को और एक्सप्रीयेंस बनाने के लिए एक अदारा कायम की गई है। इससे काफी फाइदा होगा। देही इलाकों दूध और जानवरों के पालन के तरक़्क़ी पर जोर दिया जा रहा है। बेरोजगार गाँव के दरमियान क़ौमी ज़ीराअत मंसूबा के तहत ब्रायलर यूनिट की तक़सीम किया जा रहा है। कंप्यूटरिज्ड से काम आसान किए जा रहे हैं। छह बड़े शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर में देवलोप किया जा रहा है। इस मौके पर रियासत के तमाम महकमा के सेक्रेटरी, अफसर, पुलिस अफसर और दीगर लोग मौजूद थे।