बरसरे ख़िदमत ख़वातीन को सनफ़ी तास्सुब की शिकायत

नई दिल्ली: ख़ानगी शोबे में बरसरे ख़िदमत एक चौथाई ख़वातीन मुख़्तलिफ़ वजूहात की बिना अपनी मुलाज़िमत से सुबुकदोश की ख़ाहिशमंद हैं जिसमें ग़ैर सहूलित बख़श औक़ात कार , सनफ़ी इमतियाज़ात , सलामती का मसला , दफ़ातिर में हिरासानी और दीगर शामिल हैं।

सनतकारों के इदारे असोचम ने एक सर्वे में ये इन्किशाफ़ किया है। इस सर्वे में तक़रीबन 500 ख़वातीन से राय तलब करने पर बताया कि काम के मुक़ामात पर उनके इदारों (आर्गेनाईज़ेशन की तरफ‌ से शिकायात की यकसूई का कोई मेकानिज़म नहीं है और ख़वातीन को महफ़ूज़ माहौल फ़राहम करने के लिए कोई क़ानूनी ज़मानत नहीं है।

सर्वे में कहा गया है कि तक़रीबन 25 फ़ीसद वर्किंग वीमेंस से अपनी मुलाज़मतों से सुबुकदोश य की ख़ाहिशमंद हैं क्योंकि उन्हें नामाक़ूल औक़ात कार , रात देर गए तक दफ़ातिर में बैठे रहना, सनफ़ी तास्सुब और हिरासानी , सलामती का फ़ुक़दान और काम के ना मुसाइद हालात और ख़ानदानी मसाइल से दो-चार हैं जबकि 40 फ़ीसद वर्किंग मदर्रिस (बरसरे ख़िदमत माएं अपने बच्चों की देख-भाल के लिए सुबुकदोश होना चाहती हैं।

हिरासानी के मसले पर तक़रीबन 30 फ़ीसद ख़वातीन ने बताया कि का  मुक़ामात पर उन्हें हिरासानी और प्रमोशन और कल यदि ओहदों पर तक़र्रुर से महरूम किया जाता है|