बर्तानिया में शिव हर हज़रात ने बेगमात को कंधों पर उठाकर दौड़ें लगा दी और ये काम उन्हों ने किसी मजबूरी में नहीं लेकिन बल्कि खेल खेल में किया।
बीवीयों को कंधों पर उठा कर दौड़ने के इस सालाना मुक़ाबले में शौहरों ने दो सौ पचपन मीटर का फ़ासिला बेगम साहिबा को अपने कंधों पर उठाकर तै किया और साबित कर दिया कि वो इन का बोझ बख़ूबी उठा सकते हैं ।