हैदराबाद 28 फरवरी – आम शहरियों के लिए सदाक़त नामा पैदाइश ( बर्थ सर्टिफिकेट) और सदाक़त नामा इंतिक़ाल ( डेथ सर्टिफिकेट) का हासिल करना बहुत ज़रूरी है । स्कूल में दाख़िला से लेकर पासपोर्ट के हुसूल के लिए सदाक़त नामा पैदाइश बहुत अहमियत रखता है जब कि जायदादों के तनाज़ा विरासत में मिली जायदादों की तक़सीम , मुतवफ़्फ़ी मुलाज़मीन के वज़ाइफ़ के हुसूल , मुआवज़ा हासिल करने के लिए की जाने वाली कार्यवाईयों के लिए सदाक़त नामा इंतिक़ाल की अहमियत और अफादियत से इनकार नहीं किया जा सकता ।
इन दोनों सर्टिफिकेट्स की अहमियत का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि सारे हिंदुस्तान में हुकूमत अवाम में इस ताल्लुक़ से शऊर बेदार करने के लिए आमिर ख़ान और दीगर फ़िल्मी सितारों की ख़िदमात हासिल कर रही है।
लेकिन अफ़सोस के साथ कहना पड़ता है कि नाअहली के लिए हमेशा से ही बदनाम महकमा बलदिया बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट्स की इजराई में इंतिहाई मुजरिमाना ग़फ़लत बरत रहा है ।
हाल ही में मी सेवा सेंटर चन्दू लाल बारादरी में नामों की गलतियों को दरुस्त करवाने के लिए एक दरख़ास्त वसूल हुई बलदिया की जानिब से जारी कर्दा सदाक़त नामा पैदाइश में ऐसी फ़ाश गलतियां की गई थीं कि उन्हें देख कर बल्दी ओहदेदारों की मुजरिमाना ग़फ़लत पर सिर्फ़ अफ़सोस ही होता है ।
इस सदाक़त नामा में लड़की की वालिदा के नाम की बजाय बाप का नाम ही दर्ज कर दिया गया जब कि उसी लड़की को उस का बाप भी बना दिया गया और बल्दी ओहदेदारों की अक्ल पर हंसी आने की बात ये है कि उन लोगों ने लड़की के बाप को लड़की के माँ की हैसियत से पेश किया ।
एक साहब ने हमारी शिकायत सुनते ही बताया कि इस शोबा के इंचार्ज फ़ला ओहदेदार है । बहरहाल जब हम ने सर्किल 4 के इंचार्ज और अस्सिटेंट मेडीकल ऑफीसर डाक्टर वाई वेंकट रमना से मुलाक़ात की और उन्हें महकमा की इस फ़ाश ग़लती पर तवज्जा दिलाई तो उन्हों ने सब से पहले रिकॉर्ड मंगवाया रिकॉर्ड दरुस्त था ।
इस सिलसिला में उन्हों ने कहा कि ये कम्पोज़िंग की ग़लती है । कम्पोज़िंग का काम ज्योति कंप्यूटर्स बरकत पूरा को दी गई है । उन्हें एक सर्टिफिकेट के लिए 80 पैसे दीए जाते हैं ।
डाक्टर वेंकट रमना ने ये भी बताया कि इन सर्टिफिकेट्स को एक नहीं बल्कि दो मर्तबा चेक किया जाता है । उन्हों ने तस्लीम किया कि महकमा से भी ग़लती होती है ।
ग़फ़लत बरतने वाले ओहदेदारों और ज्योति कंप्यूटर्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई से मुताल्लिक़ उन्हों ने बताया कि वो इस वाक़िया को आला ओहदेदारों के इल्म में लाएंगे जिस के बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकती है ।
अब देखना ये है कि बल्दी आला हुक्काम किस तरह इस तरह की फ़ाश गलतियों के इंसदाद के लिए क़दम उठाते हैं।