बर्मा में अक़लीयती रोहंगिया मुसलमान इमतियाज़ी पालिसीयों का शिकार- रिपोर्ट

इंसानी हुक़ूक़ की एक तंज़ीम ने कहा है कि बर्मा में हुक्काम रोहंगिया मुसलमानों के ख़िलाफ़ इमतियाज़ी क़वानीन नाफ़िज़ कर के इंसानियत के ख़िलाफ़ जराइम के मुर्तक़िब हो रहे हैं। हज़ारों रोहंगिया मुसलमान इस मुल्क से पहले ही नक़्ले मकानी कर चुके हैं।

मंगल को फोर्टी फ़ाई राईट्स नामी ग्रुप के मुताबिक़ हुकूमत की मुतअद्दिद अफ़्शा होने वाली दस्तावेज़ात से शुमाली रियासत राकीन में रोहंगिया नस्ल के साथ इंसानी हुक़ूक़ की ख़िलाफ़ वर्ज़ीयों का इन्किशाफ़ होता है जिस में नक़्लो हरकत की आज़ादी पर पाबंदी, शादी और बच्चों की पैदाइश से मुताल्लिक़ ताज़ीरात भी शामिल हैं।

रोहंगिया नस्ल से बदसुलूकी के इल्ज़ामात कोई नए नहीं हैं। अक़वामे मुत्तहिदा इन्हें दुनिया में सब से ज़्यादा ईज़ा रिसानी की शिकार अक़लीयतों में से एक क़रार दे चुकी है।

बेशतर को बर्मा की शहरीयत देने से भी इन्कार किया जा चुका है। बर्मा के लाखों रोहंगिया मुसलमान ये दावा तो करते हैं कि वो कई नस्लों से यहां आबाद हैं लेकिन ये अक़लीयत उस का दस्तावेज़ी सबूत फ़राहम करने से क़ासिर है।