बशारुल असद का इक़्तेदार बचाने का मुनफ़रद “रुहानी फ़ार्मूला”

ईरान के सदर डॉक्टर हसन रुहानी ने कहा है कि शामी तनाज़ा के किसी भी हल का मर्कज़ी नुक़्ता बशारुल असद की क़िस्मत का फ़ैसला नहीं, बल्कि दमिश्क़ में मज़बूत हुकूमत का क़ियाम होना चाहीए।

फ़्रांस के चैनल 2 को इंटरव्यू देते हुए सदर रुहानी ने [किसी का नाम लिए बग़ैर] कहा कि “ये किसी फ़र्द नहीं, बल्कि सलामती और इस्तिहकाम का मुआमला है।” उनका मुतज़क्किरा इंटरव्यू यूरोप 1 रेडीयो पर भी बैयकवक़्त नशर हुआ।

उनका कहना था कि हमें शाम से दहशतगर्दी का ख़ातमा और वहां अमन वो इस्तेह्काम को यक़ीनी बनाने की कोशिशें करनी चाहिए। डॉक्टर हसन रुहानी ने मज़ीद कहा: “जहां तक मुल्क चलाने का ताल्लुक़ है तो इस का अख़तियार शामियों के पास है, उन्ही ने अपने रहनुमा का फ़ैसला करना है।