साबिक़ रियास्ती वज़ीर बशीर बाबू ख़ां के इंतेक़ाल पर सदर ज़िला तेलुगु देशम एम एलए मेदक माइतम पली हनुमंत राव, सदर ज़िला तेलुगु देशम पार्टी मुहम्मद अफ़ज़ल से अपने गहरे सदमे का इज़हार किया।
उन्होंने कहा कि बाबू ख़ां की तेलुगु देशम पार्टी के इस्तिहकाम के लिए की गई ख़िदमात फ़रामोश नहीं की जा सकतीं। अफ़ज़ल ने कहा कि मरहूम ख़ां हमेशा अक़लियतों की तरक़्क़ी के लिए कोशां रहते थे।
इसी तरह कांग्रेस क़ाइद डायरेक्टर मार्केटिंग कमेटी मेदक मुहम्मद आरिफ़ हुसैन ने भी बाबू ख़ां के इंतेक़ाल पर शदीद ग़म का इज़हार किया।
उन्होंने कहा कि बाबू ख़ां तेलुगु देशम में अपनी ख़िदमात अंजाम देते हुए हमेशा क़ौम-ओ-मिल्लत के मसाइल को लेकर पेश पेश रहते थे। अक़लियतों के लिए बाबू ख़ां मरहूम की ख़िदमात को फ़रामोश नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि तेलुगु देशम को ख़ैर बाद करते हुए बाबू ख़ां कांग्रेस से मुंसलिक होकर पार्टी की फ़लाह के लिए ख़ामोश ख़िदमतगुज़ार बन गए थे।