बस हादसे पर ख़ानगी ट्रावेल्स में बेचैनी

बैंगलौर से आ रही ख़ानगी ट्रावेल्स की वॉल्वो मल्टी एक्सल बस के अन्दोहनाक हादसे के बाद जिसमें 45 मुसाफ़िरीन बाशमोल 5 आई टी माहिरीन फ़ौत हुए हैं शहर के ख़ान्गी ट्रेवल्स आपरेटर्स और अवाम में तशवीश की लहर दौड़ गई है।

वाज़ेह रहे कि आज सुबह की अव्वलीन साअतों 5 बजकर 10 मिनट पर बैंगलौर से हैदराबाद आ रही जब्बार ट्रेवल्स की ख़ान्गी बस जिस में ड्राईवर और क्लीनर के बाशमोल 52 मुसाफ़िरीन सवार थे।

रोड डिवाईडर से टकरा जाने के नतीजा में डीज़ल टैंक धमाका से फट पड़ा और देखते ही देखते बस शोला पोश हो गई जिस के नतीजा में 44 मुसाफ़िरीन ज़िंदा जल गए। हादसा के वक़्त बेशतर मुसाफ़िरीन हालत नींद में थे। हादसा की इत्तिला आम होते ही हैदराबाद और बैंगलौर के अवाम में बेचैनी फैल गई और ट्रेवल्स के दफ़्तर पर अपने-अपने रिश्तेदारों के बारे में जानने के लिए लोग उमड पड़े। इस अन्दोहनाक वाक़िया ने जहां अवाम को मग़्मूम कर दिया है वहीं ख़ान्गी ट्रेवल्स मालिकीन / आपरेटर्स को भी फ़िक्रमंद कर दिया है।

क़ारईन ! हम ने ख़ान्गी आपरेटर्स का रद्दे अमल जानने के लिए उन से बात की सब से पहले जब्बार ट्रेवल्स जिस की बस को ये हादसा पेश आया इस के ज़िम्मेदारों से बात की उन लोगों ने बताया कि असरी सहूलतों से आरास्ता इंतिहाई आरामदेह वॉल्वो मल्टी एक्सल बस कल रात 11 बजे बैंगलौर से हैदराबाद के लिए रवाना हुई थी (बैंगलौर ता हैदराबाद 540 किलो मीटर का फ़ासला है)।

ये बदनसीब बस 425 किलो मीटर का फ़ासिला तए कर चुकी थी और अपनी मंज़िल से 115 किलो मीटर दूर थी कि ये हादसा पेश आया। एक और ऑपरेटर के ख़्याल में तैयारे हादसात का शिकार हो जाते हैं।

ट्रेनों की बोगियां जल जाती हैं या पटरियों से उतर जाती हैं या फिर आर टी सी की बसें नदियों और घाटियों में गिर जाती हैं इन वाक़ियात में मुतअद्दिद मुसाफ़िरीन हलाक होते हैं इस के बावजूद लोग सफ़र करना नहीं छोड़ते क्यों कि सब जानते हैं कि हादसात इत्तिफ़ाक़ी होते हैं तब ही तो उन्हें हादसे कहते हैं।

चंद दिनों तक लोगों पर नफ़्सियाती ख़ौफ़ छाया रहता है और फिर सब मामूल पर आ जाते हैं। ट्रेवल्स के करीब जमा बाअज़ अफ़राद ने बताया कि दीवाली की ख़ुशीयां मनाने उन के रिश्तेदार शहर आ रहे थे कि मौत की आग़ोश में सो गए। ये दीवाली उन के लिए ख़ुशीयों की बजाय ग़म का पयाम ले आई है।