कोलकाता 16 जनवरी: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि उनके संगठन हिंदू तबक़ा को एकजुट और मजबूत बनाने के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि हम किसी के भी खिलाफ नहीं हैं। भागवत ने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार के लिए भी हिंदुओं की कमजोरी को ही दोषी करार दिया। वह आरएसएस की रैली को संबोधित कर रहे थे जिसे सिटी पुलिस ने पहले इजाज़त देने से इनकार किया था।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरएसएस को इस कार्यक्रम आयोजित करने की इजाज़त दी। मोहन भागवत ने कहा कि हम यह संगठन किसी विरोध के लिए क़ायम नहीं की बल्कि उस का मक़सद ख़ुद हमें मज़बूत बनाना है। हिन्दू समाज की इस देश में एक शानदार इतिहास रही है। उन्होंने जनता से जानना चाहा कि ऐसी शानदार इतिहास के बावजूद आज हिंदू समाज की यह हालत क्यों हो गई। क्या आज हम बिलकुल इसी तरह रहते हैं जैसा पहले था? क्या हिन्दू देश भर में आज़ादी के साथ अपनी मज़हबी सरगर्मीयां अंजाम दे सकते हैं? क्या इस देश में हिंदुओं के इन्सानी हुक़ूक़ का सम्मान किया जा रहा है? मोहन भागवत ने कहा कि अगर उनका जवाब नहीं है तो बांग्लादेश में जब हिंदुओं पर अत्याचार किए जाते हैं तो हमें ताज्जुब नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में हिंदुओं के हालात के लिए हिंदू ही ज़िम्मेदार हैं। हिन्दू इस सूरते-हाल का सामना महज इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे एकजुट और मजबूत नहीं है।