ढ़ाका की एक अदालत ने बुध के रोज़ दर्जी बिश्वजीत दास के कत्ल के मामले में बांग्लादेश स्टूडेंट्स लीग के आठ कारकुनों को सजा-ए मौत और 13 को उम्र कैद की सजा सुनाई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कत्ल एक साल पहले ओल्ड ढाका में हुई थी। ‘द डेली स्टार’ के मुताबिक, फैसला ढाका की स्पीडी ट्रायल ट्रिब्यूनल-4 ने सुनाया।
वेबसाइट ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ ने जस्टीस एबीएम निजामुल हक के हवाले से कहा, “ट्रिब्यूनल का मानना है कि किए गए जुर्म के आगे यह सजा कम से कम होगी।”
पिछले साल दिसंबर में अपोजिशन की नाकाबंदी के दौरान हुई इस वाकिया के बारे में अदालत ने कहा कि कत्ल को रात में नहीं बल्कि दिनदहाड़े अंजाम दिया गया। कत्ल बहुत दरिंदगी से की गई थी।
अदालत ने बिश्वजीत के कत्ल के मामले को बेहद हस्सास और अन्य मामलों से अलग माना। आठ कातिलों में से दो फरार हैं, जबकि 13 में से 11 खाती अभी भी फरार हैं। इन 11 लोगों को ता उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इनमें से ज़्यादातर जगन्नाथ युनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स हैं।
कत्ल की यह वारदात 9 दिसंबर को उस वक्त हुई जब बिश्वजीत (24) अपनी दुकान पर जा रहा था। जगन्नाथ युनिवर्सिटी की बीसीएल यूनिट के कारकुनों के एक ग्रुप ने उसे गलती से अपोजिशन पार्टीइ का हामी समझा और उसका पीछा किया। उससे मारपीट की और धारदार हथियारों से उसका कत्ल कर दिया गया।